Vastu Tips in Hindi: भारतीय वास्तु शास्त्र में किसी भी भूमि या भवन को 64 वर्गों और आठ दिशाओं में बांट कर निर्माण कार्य करने की सलाह दी जाती है। इन 64 खानों और आठ दिशाओं में अलग-अलग देवताओं का वास माना गया है। उसी के अनुसार भूमि के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग प्रकृति का निर्माण कार्य किया जाता है।
वास्तु के अनुसार सभी दिशाएं अलग-अलग कार्यों के लिए शुभ होती है, उदाहरण के लिए ईशान कोण (North-East Direction) को पूजा कक्ष या अध्ययन कक्ष के लिए सर्वाधिक शुभ माना जाता है। आग्नेय कोण (South-west Direction) को अग्नि संबंधी कार्यों या इंजीनियरिंग संबंधी कार्यों के लिए उत्तम बताया गया है। यदि इन दिशाओं में वहां स्थित देवताओं की प्रकृति के अनुसार निर्माण नहीं करवाया जाए तो वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
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वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को पूजा कक्ष और अध्ययन कक्ष के लिए सर्वोत्तम बताया गया है। यहां पर लाइब्रेरी, ऑफिस अथवा पैसा रखने का स्थान भी बनाया जा सकता है। इस प्रकार नॉर्थ-ईस्ट डायरेक्शन में निर्माण करने पर उस घर में रहने वालों की हमेशा तरक्की होती है। इनके अलावा यहां पर कुछ अपवादस्वरूप मामलों में स्नानागार या बेडरूम भी बनाया जा सकता है परन्तु ऐसा बिना पूछे नहीं करना चाहिए।
यदि नॉर्थ-ईस्ट डायरेक्शन में पूजा कक्ष या अन्य कमरों के बजाय रसोई, शौचालय अथवा सीढ़ियां बना दी जाए तो इससे घर में बहुत बड़ा वास्तुदोष उत्पन्न हो जाता है। वास्तुदोष की प्रकृति के आधार पर ही उस घर में रहने वाले लोगों का भाग्य और जीवन प्रभावित होता है। ईशान में रसोई होने पर उस घर में रहने वाले सभी सदस्य बीमार रहने लगते हैं। सीढ़ियां बनाने पर भाग्य में बाधा आने लगती हैं।
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वास्तुविज्ञों के अनुसार ईशान में शौचालय भूल कर भी नहीं बनाया चाहिए। ऐसा करना उस घर में रहने वालों की बर्बादी का कारण बन सकता है। इसके पीछे कारण यह बताया जाता है कि ईशान कोण के देवता शिव है, ऐसे में वहां शौचालय बनाना पूरे घर को भ्रष्ट कर देता है। जिन घरों के उत्तर-पूर्व में टॉयलेट होता है, उन घरों में रहने वाले सदैव दुर्भाग्य के अधीन रहते हैं। हमेशा उन पर कर्जा चढ़ा रहता है और बीमारियों से दुखी रहते हैं।
यदि किसी कार्यालय की ईशान दिशा में वास्तु दोष हो तो वह घाटे में चलता है। वहां हमेशा एक नेगेटिविटी का माहौल बना रहता है जिसके कारण लाख प्रयासों के बाद भी तरक्की नहीं हो पाती है। इस दोष को दूर करने के लिए शास्त्रों में वैसे तो कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें आप यहां वीडियो में भी देख सकते हैं।
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