Ayodhya में ramotsav की तैयारियां लगभग खत्म होने जा रही है और आज प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे है और कई लोगों ने इसको गलत बताया है। इन सबके बीच अयोध्या में दुनिया का सबसे बड़ा दीपक भी जलाया गया था, लेकिन वह जलकर राख हो गया है और इसके कारण इसे अपशगुन भी बताया जा रहा है। लगभग 300 फीट डायामीटर का ये दीपक 1008 टन मिट्टी से तैयारी किया गया था और इस दीपक को लगातार जलाए रखने में 21 हजार लीटर से अधिक तेल का उपयोग करने की बात सामने आई थी।
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22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले ram mandir के उद्घाटन में अब चंद घंटे शेष है। रामलला मंदिर के गर्भग्रह में विराजमान हो चुके हैं और हर तरफ सजावट हो रही है। इस विशाल दीपक को तैयार करने में देशभर के विभिन्न स्थानों की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया था।
(Ram Mandir Ayodhya) दीपक तैयार करने के कार्य में लगी कड़ी मेहनत लगी है और 108 लोगों की टीमों ने एक साल तक मेहनत करके इसको तैयार किया है। सीता माता की पैतृक मातृभूमि से तेल लाया गया था। आग लगने के कारण का अभी पता नहीं चला है लेकिन कई लोग इसे अपशगुन बता रहे है तो कोई इसमें खामी बता रहा है। इस घटना को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है लेकिन विपक्ष के नेता इसको लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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(Ram Mandir Ayodhya) रामलला को गर्भगृह में स्थापित कर दिया है और आज पीएम मोदी के हाथों से मूर्ति पर आंखों पर बंधी पट्टी हटाई जाएगी। इस पट्टी को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हटाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच है और 23 जनवरी से श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
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