ऑटोमोबाइल

चीन में फर्राटे से दौड़ रही बिना ड्राइवर की कार!, Video में देखें कैसे करती है काम

Driverless Car: चीन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, जापान और ना जाने कितने देश बिना ड्राइवर वाली गाड़ियां बनाने पर काम कर रहे है। लेकिन भारत अभी भी तकनीक के मामले में अपने करीब-करीब समय में आजाद हुए देशों से काफी पीछे चल रहा है। जनसंख्या की दृष्टि से देखें तो दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत आजादी के 75 सालों बाद भी तकनीक के क्षेत्र में दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर नजर आता है। आधुनिक AI तकनीक के दौर में आज कई अविश्वसनीय चीजों का निर्माण हो रहा है, जिस पर आज से एक साल पहले तक विश्वास करना मुश्किल होता था, लेकिन अब चीजें हकीकत बनकर हमारे सामने आ रही है।

सोशल मीडिया पर विदेशी लोगों के ड्राइवर लैस कार चलाने के कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहे है। एक ऐसा ही वीडियो हमें X पर दिखाई दिया, इसके बाद हमें यह विषय लिखने लायक लगा। वीडियो में साफ-साफ स्पष्ट तौर पर AI तकनीक से सुगम हो रहे मनुष्य के जीवन को देखा जा सकता है। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया तो अब तकनीक के शहंशाह कहे जाने वाले विश्वशक्ति अमेरिका को भी तकनीक में कई जगह पछाड़ रहे हैं।

हुंडई लॉन्च करने वाली थी AI कार

2022 में एक खबर तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रकाशित हुई थी कि, दक्षिण कोरिया की कंपनी हुंडई मोटर ग्रुप (Hyundai Motor Group) रोबो राइड कार पर काम कर रही है, और जल्द ही धरातल पर उतारकर इस सपने को साकार भी करेगी। कहा गया था कि इस कार में ऑटोनोमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी (Autonomous Driving Technology) का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही इसके लिए डेडिकेटेड ड्राइविंग सिस्टम भी तैयार करने की बात कही गई थी।

भारत की कंपनियां भी AI में हुई फेल!

इससे पहले 2021 में भारत में मुंबई स्तिथ Autonomous Intelligence Motors Private Limited ने एक साल के भीतर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-ऑफ-थिंग्स से लैस ऑटोनॉमस कार लॉन्च करने का दावा किया था। साथ ही कहा गया था कि यह एआई-पावर्ड ड्राइवरलेस कार इलेक्ट्रिक वेरिएंट के अलावा पेट्रोल और डीजल दोनों वेरिएंट के लिए बीएस-8 ईंधन उत्सर्जन अनुपालन वाले इंजन से भी लैस की जायेगी। लेकिन अभी तक इस कार की कोई खैर-खबर नहीं है।

तकनीक में भारत के पीछे होने की क्या है वजह?

उपरोक्त दोनों उदारहणों से समझ आता है कि, विदेशों में तो फिर भी कंपनियां ड्राइवर लैस कार चलाने के मामले में कुछ प्रतिशत तक अपने दावे को पूरा करती हुई नजर आ रही है, जिसकी गवाही वायरल वीडियोज दे भी रहे है। लेकिन भारत में तमाम टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में कुछ क्यों नहीं कर पा रही है, यह बड़ा सवाल है।

भारत के लोगों की प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाओं की बात करें, तो कुछ लोग मानते है भारत में सरकार का सहयोग तकनीक को उस लेवल तक नहीं मिल पाता है, जितना मिलना चाहिए। …या फिर वजह कुछ और है? हम आज भी ठेलों-दुकानों पर नाम लिखने जैसे विषयों पर बहस कर रहे है और लेकिन संभवतः बदलते जमाने के साथ आगे बढ़कर काम करने पर विचार नहीं कर रहे है। आप भी अपनी प्रतिक्रियाएं Morning News India के Social Platforms पर दे सकते है।

Aakash Agarawal

Recent Posts

Hindi Diwas : हिंदी हमारी धरोहर, हमारा स्वाभिमान…

Hindi Diwas : जयपुर। हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल…

3 days ago

Rawat Public School प्रताप नगर के विद्यार्थी सी बी एस ई वेस्ट जोन योगासन में चैंपियन

रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…

1 month ago

झोटवाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र

blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…

1 month ago

जयपुर का युवा बना रहा है भारत के सबसे वैज्ञानिक बेबी टॉय ब्रांड – LiLLBUD

IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…

3 months ago

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

5 months ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

5 months ago