जयपुर। Footwear Bha Size : अब जल्द ही आपके जूते व चप्पल का नाप बदल रहा है जिसके तहत अब नई साइजव नंबरों के जूते जूते व चप्पल आने वाले हैं। दरअसल, अभी तक भारत में जितने भी जूते व चप्पल चल रहे हैं उनका साइज यूके के साइज के हिसाब चल रहा है, लेकिन अब भारत में भारतीय सिस्टम ‘भा’ साइज के जूते व चप्पल मिलेंगे। इसके तहत अब आपको भारतीय नंबर के हिसाब से फुटवियर खरीदने को मिलेंगे। इसी के साथ ही अब भारत में जूतों के नंबर का यह पूरा सिस्टम बदल रहा है। आपको बता दें कि भारत में अब स्थानीय स्टैंडर्ड से जूतों का साइज तय किया जा रहा है जिसको ‘भा’ कोड नेम दिया गया हे। हालांकि, अब बात ये है कि भारत में लोगों के जूतों के साइज को लेकर भारतीय सिस्टम लाने की जरूरत क्यों पड़ी? तो आइए जानते हैं….
भारतीय लोगों के जूतों व चप्पलों के साइज को लेकर एक सर्वे किया गया है जिसमें यह सामने आया कि पूर्वोत्तर भारत के लोगों के पैरों का साइज अन्य भारतीयों की तुलना में औसतन छोटा होता है। जिसको अब ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड से मंजूरी दिलवाई जा रही है। नए सिस्टम के मुताबिक जूते-चप्पलों के इंडियन स्टैंडर्ड तैयार किए जा रहे हैं। जुते चप्पल बनाने की वाली कंपनियां भारतीयों के लिए ‘भा’ कोड केे आधार पर 2025 से तैयार करेंगी। यहां पर ‘भा’ कोड से मतलब भारत से है। हालांकि, भारतीयों के पैरों की शेप और साइज समझने के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और सेंट्रल लेदर रिसर्च भार इंस्टीट्यूट की तरफ से सर्वे किया गया है।
इस सर्वे में सामने आया कि महिलाओं के पैर का साइज 11 वर्ष की उम्र तक बढ़ता है। जबकि, पुरुषों के पैरों का साइज 15-16 वर्ष की उम्र तक बढ़ता है। भारतीयों के जूतों के नाप को लेकर दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच एक सर्वे किया गया था। यह सर्वे 5 भौगोलिक क्षेत्रों में 79 जगहों पर किया गया था। इस सर्वे में लगभग 1,01,880 लोगों ने भाग लिया था जिस दौरान 3D फुट स्कैनिंग मशीनों से लोगों के पावों के नाप लिए गए थे। इसी के आधार पर भारतीयों के पैर के साइज को समझने की कोशिश की गई। इस सर्वे में यह भी पता चला कि भारतीयों के पैर यूरोपीय या अमेरिकी लोगों की तुलना में ज्यादा चौड़ा पाए गए। अमेरिकी और यूके वालों के पैरा का साइज छोटा होता है। इसी वजह से यूके नंबरों के बने जूते भारतीयों के पैर में पूरी तरह फिट नहीं होते और परेशानी होती है।
आपको बता दें कि भारत में अंग्रेजों ने फुटवियर साइज की शुरुआत की थी जिसके मुताबिक औसतन एक भारतीय महिला 4 से 6 नंबर साइज का जूता पहनती है। जबकि, पुरुष औसतन 5 से 11 साइज के जूते पहनते हैं। उस समय अंग्रेजों के भारतीयों के पैरों के नाप से संबंधित किसी प्रकार का डाटा मौजूद नहीं था। इसलिए भारतीय सिस्टम को तैयार नहीं किया गया। वर्तमान में भारत दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और हर भारतीय के पास औसतन 1.5 फुटवियर है। इसके अनुसार भारत फुटवियर निर्माताओं के लिए सबसे बड़ा मार्केट है। इसी वजह से अब भारतीय साइज ‘भा’ (Footwear Bha Size) के साथ यूजर्स और फुटवियर बनाने वाली कंपनियों दोनों को फायदा होगा।
‘भा’ सिस्टम के अनुसार जूतों व चप्पलों के 8 साइज तैयार किए गए हैं जो इस प्रकार हैं:—
1 नंबर-0 से 1 वर्ष तक के बच्चे के लिए
2 नंबर-1 से 3 वर्ष तक के बच्चे के लिए
3 नंबर-4 से 6 वर्ष तक के बच्चे के लिए
4 नंबर-7 से 11 वर्ष तक के बच्चे के लिए
5 नंबर-12 से 13 वर्ष तक के बच्चे के लिए
6 नंबर-12 से 14 वर्ष तक के बच्चे के लिए
7 नंबर-14 वर्ष से ऊपर की महिलाओं के लिए
8 नंबर-15 वर्ष से ऊपर के पुरुषों के लिए
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