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कचरे से खाद कैसे बनता है, जानिए पूरी प्रक्रिया

Kachre se Jaivik Khad : बदबू मारता कचरा किसे पसंद होता है। लेकिन सोचिए अगर यही कचरा जैविक खाद के रूप में आपको प्रोफिट देने लग जाए तो आप क्या करेंगे। जी हां, ये कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत है जिसे गुलाबी नगरी जयपुर के नगर निगम हेरिटेज ने साकार किया है। जयपुर नगर निगम हेरिटेज का ये नवाचार पूरे देश में मिसाल बनता जा रहा है। Jaipur Municipal Corporation Heritage ने कचरे से जैविक खाद (Jaipur Nagar Nigam Jaivik Khad) बना तो लिया है। लेकिन आमजन के मन में अभी भी कई सवाल है कि आखिर कचरे से कोई जैविक खाद (Kachre se Jaivik Khad) कैसे बन सकती है। तो चलिए हम आपको बताते है कि जयपुर ने आखिर ऐसा क्या किया जो सड़ता हुआ कचरा एकदम से खेतों के लिए उर्वरक का काम करने लग गया।

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जयपुर में कचरे से खाद बनेगा (Jaipur Kachre se Jaivik Khad)

जयपुर नगर निगम हेरिटेज अपने पार्कों में पेड़ से गिरे हुए पत्तों से जैविक खाद (Jaipur Nagar Nigam Jaivik Khad) बना रहा है। इसके लिए पत्तों को साफ करके उनमें दही और बेसन मिलाकर सड़ाया जाता है। जैसे कंपोस्ट खाद में गोबर के साथ हम करते है। ठीक वैसे ही सूखे पत्तों और कचरे से एक उपजाऊ खाद तैयार हो सकती है। जयपुर हेरिटेज निगम स्वयं सहायता समूह के सहयोग से ये Organic Fertilizer तैयार कर रहा है। जयपुर का ये कदम काबिले तारीफ है। वाकई में आपदा को अवसर में बदलना इसी को तो कहते है।

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कचरे से खाद कैसे बनेगा (Kachre se Jaivik Khad Making Process)

जैविक खाद में यूरिया जैसे केमिकल की जगह दही, बेसन आदि मिलाया जाता है। जैसे कंपोस्ट खाद बनाई जाती है, ठीक वैसे ही ये खाद (Kachre se Jaivik Khad) बनाई जाती है। दही बेसन मिलाने के बाद इस कचरे को तेज धूप में सुखाया जाता है। फिर वापस छानकर पैकिंग (Waste to Organic Fertilizer Making Process) की जजाती है। जैविक खाद को बनाने में लगभग 25 से 25 दिन का समय लगता है। बाजार की रासायनिक खाद के मुकाबले पत्तों और कचरे वाली खाद में ज्यादा उर्वरक तत्व होते हैं। क्योंकि कचरे में सभी तरह के खाद्य पदार्थ और फलों सब्जियों के टुकड़ें भी होते हैं। यही वजह है कि इस जैविक खाद से धरती की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ती है।

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कौनसी महिलाएं बनाती है ये खाद

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Rashtriya Urban Ajivika Mission) के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ये जैविक खाद तैयार कर रही है। नगर निगम के हर पार्क में दस महिलाओं का समूह ये काम करता है। अब तक जयपुर के तीन बड़े पार्क में लगभग 2 टन जैविक खाद तैयार की जा चुकी है। जल्द ही निगम के अन्य पार्कों में भी खाद तैयार करने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। इसके साथ ही मानसून में हेरिटेज निगम (Jaipur Nagar Nigam Jaivik Khad) की ओर से लोगों को तीन लाख पौधे भी फ्री में बांटे जाएंगे।

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