3rd Shab e Qadr Namaz : रमजान के आखिरे अशरे में शबे कद्र का दौर चल रहा है। जिस रात को कुरान मजीद में लैलतुल कद्र कहा गया है। कलाम पाक इसी मुकद्दस रात में नबी ए करीम पर नाजिल हुआ था। ये रात आखिरे अशरे की विषम यानी के वित्र ताक रातों (Ramadan Odd Nights) में पाई जाती हैं। पहली शबे कदर की रात 31 मार्च 2024 को थी। दूसरी शब-ए-क़द्र की रात (2nd Shab e Qadr) भारत में 2 अप्रैल को थी। अब तीसरी शबे कद्र की रात (3rd Shab e Qadr) 4 अप्रैल 2024 की रात को है। 3rd Laylatul Qadr की रात को क्या पढ़ना है यही हम बताने जा रहे हैं। इससे आपको यह पता चल जाएगा कि तीसरी शबे कद्र में नमाज (3rd Shab e Qadr Namaz) कैसे पढ़े ताकि मजीद सवाब हासिल हो सके। ऐसी ही और भी इस्लाम से जुड़ी जानकारी के लिए हमें पढ़ते रहे और दिल से दुआ देते रहे।
यह भी पढ़ें : Shabe Qadr Nawafil : शबे कद्र में नफिल नमाज कैसे पढ़ें, मुस्लिम भाई जान लें
24वें रमजान की रात को यानी तीसरी शबे कद्र को आपको चार रकात नफ्ल पढ़ने हैं। जिसमें सूरह फातिहा के बाद हर रकात में सूर कद्र 1 बार और सूरह इख्लास 5 बार पढ़नी है। सलाम फेरने के बाद कलमा ए तैयबा 100 बार पढ़ना है। इस नमाज (3rd Shab e Qadr Namaz) से रहमत नाजिल होती है।
तीसरी शबे कद्र में चार रकात नफ्ल पढ़े। हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 3 बार सूर कद्र और 3 बार सूरह इख्लास कुल हुवल्लाहु अहद पढ़े। सलाम फेरने के बाद 70 मर्तबा अस्तग़फार पढ़े। इस नमाज (3rd Shab e Qadr Namaz) से गुनाह माफ होते हैं।
तीसरी शबे कद्र में जो आपको तीसरी नमाज पढ़नी है तो उसमें दो रकात नफ्ल पढ़े। हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 1 बार सूरह कद्र, 15 बार सूरह इख्लास पढ़े। सलाम फेरने के बाद 70 बार दूसरा कलिमा यानी के कलमा ए शहादत पढ़ना है। कब्र के अजाब से यह नमाज (3rd Shab e Qadr Namaz) छुटाकारा दिलाती है।
तीसरी लैलतुल कद्र की रात को 7 बार सूरह दुखान पढ़नी चाहिए। इस सूरत (3rd Shab e Qadr Dua) की बरकत से अल्लाह हमें कब्र के भयानक अज़ाब से बचाएगा। साथ ही 7 बार सूरह फातिहा भी पढ़ें ताकि आपकी हर हाजत पूरी हो सकेगी।
यह भी पढ़ें : 3rd Shab e Qadr : भारत में तीसरी शबे कद्र कब है, सही तारीख नोट कर लें
जिस रात में अल्लाह तआला ने कुरान मजीद को लौहे महफूज से ज़मीन पर सरवर ए कायनात ताजदारे मदीना हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर नाजिल किया था उसे लैलतुल कदर यानी शबे कद्र की रात (Laylatul Qadr 2024) कहा जाता है। कुरान में लिखा है कि ये रात 1000 महीने यानी 30 हजार दिन के बराबर है। इस रात जिस बंदे ने अल्लाह की इबादत की, कुरान की तिलावत की, जिक्र किया और सलातुल तस्बीह पढ़ी तो उसको एक हजार महीने यानी तीस हजार दिन यानी करीब 83 साल चार महीने की इबादत का सवाब मिलता है। इस रात में अगले पिछले तमाम गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…