देश में कुछ महीनों बाद लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं और इससे पहले मोदी सरकार CAA का कानून लागू करने पर विचार कर सकती है। इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन इसके बाद भी खबरें आ रही है कि मोदी सरकार अपने इस अंतिम कार्यकाल में CAA को लागू करने का फैसला ले सकती है।
गृहमंत्री शाह का संकल्प
पश्चिम बंगाल की एक रैली में केंद्रीय गृहमंत्री amit shah ने एक बयान दिया था जिसके बाद CAA को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसको लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है और CAA को लोकसभा चुनाव से पहले भी लागू किया जा सकता है। इस बिल को लोगों के मन में कई सवाल है जिनके जवाब हम आपको इस खबर के माध्यम से देने जा रहे हैं।
यह भी पढ़े: चीन का 'नकली सूरज' मचाएगा हाहाकार, जानें ड्रैगन का क्या है प्लान
साल 2019 में सिटिजनशिप (अमेंडमेंट) एक्ट पारित हुआ था और इसे 6 महीने के अंदर नियम कानून बनाकर इसे लागू करना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पिछले कुछ समय से संकेत मिल रहे हैं कि इसे लागू करने की तैयारी है। शाह ने कहा कि – CAA देश का कानून है, जिसे लागू करने से कोई नहीं रोक सकता और हम लागू करके रहेंगे।
इसके प्रावधान
CAA का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश, अफगानिस्तान या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देना है। नए प्रावधान के अनुसार कोई भी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो इन देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत माइग्रेट हुआ है उसको अवैध नहीं माना जाएगा। ऐसे लोग CAA के अंतर्गत भारतीय नागरिकता ले सकते हैं। इस कानून से पहले कम से कम 11 साल भारत में रहना जरूरी था लेकिन अब इसकी अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई। अगर कोई प्रवासी भारत के ?कानून को तोड़ता या कोई अपराध करता है तो सरकार उसका Card वापस लिया जा सकता है।
यह भी पढ़े: दादा की उम्र के शख्स से हुआ लड़की को प्यार, अब कर रहे ऐसा काम
विरोध करने की वजह
2019 मे CAA पारित होने के साथ ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया से शाहीन बाग तक, ?विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई। पूर्वात्तर राज्यों के लोगों का कहना है कि ऐसा करने से उनके इलाके में प्रवासियों की संख्या बढ़ जाएगी। वहीं मुस्लिम समाज इसका विरोध इसलिए कर रहा है कि इस बिल में मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल नही किया गया है। इस कानून में तीनों देश से आए 6 धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है जबकि मुस्लिम धर्म के लोगों को बाहर रखा गया। इस बात को लेकर कई प्रकार के दावे भी किए लेकिन मोदी सरकार ने कहा कि यह लोग इन दिनों में अल्पसंख्यक की श्रेणी में आते है तो इनको शामिल किया गया है। जबकि इन देशों मुस्लिम समाज बहुसंख्यक है तो उनको वंहा किसी प्रकार का डर नहीं है।
यह भी पढ़े: Jaipur Petrol-Diesel & Gold-Silver Price: पेट्रोल-डीजल और सोना-चांदी का भाव
NRC और CAA की गलतफहमी
मुस्लिमों को असली डर CAA से नहीं, बल्कि NRC से लग रहा है जो अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को देश से बाहर कर देगा। शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद सभी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी और इसके बाद NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप लाया जाएगा। इसके लिए देश में रहने वाले सभी लोगों को नागरिकता साबित करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करने के साथ जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इस बात को लेकर मुस्लिम समुदाय को डर है कि CAA लागू होने के बाद NRC को लाया जाएगा। केंद्र सरकार ने कहा कि पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता के लिए ऐसा किया जा रहा है।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…