Loksabha Chunav 2024: भारत की राजनीति हमेशा से ही अनसुलझी रही है। देश के राजनीतिक इतिहास को खंगाला जाएगा, तो कई ऐसी चीजें मिलेंगी, जो आज भी रहस्यमयी बनी हुई है। एक ऐसा ही मामला साल 1999 का रहा, जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार महज 13 महीनों में ही गिर गई थी। अटल जी की सरकार को गिराने में उस वक्त सिर्फ एक वोट का अहम् योगदान रहा। वह एक वोट किसका था? यह आज भी रहस्य बना हुआ है।
राजनीतिक जानकार बताते है कि, वाजपेयी सरकार को गिराने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सांसद गिरधर गमांग और नेशनल कांफ्रेंस के सैफुद्दीन सोज जिम्मेदार थे, लेकिन पुख्ता तौर कुछ कहना गलत होगा। उस समय की राजनीति को प्रत्यक्ष देखने -समझने वाले हर व्यक्ति के अपने-अपने किस्से है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उनके निजी सचिव शक्ति सिन्हा ने अपनी किताब ‘वाजपेयी: द ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ में कई दावे किये हैं। किताब में उन्होंने लिखा कि, भाजपा सरकार से असंतुष्ट अन्नाद्रमुक की नेता जे जयललिता के समर्थन वापस लेने की वजह से अटल जी की सरकार गिर गई थी। उन्होंने लिखा कि, वाजपेयी सरकार को गिराने में तत्कालीन मुख्यमंत्री गिरधर गमांग समेत कुछ और नेता भी जिम्मेदार थे। इसमें बड़ी भूमिका छोटे दलों की थी।
सिन्हा ने किताब में यह भी लिखा कि, अरुणाचल कांग्रेस के वांगचा राजकुमार ने विश्वास मत से पहले ही अटल जी को दल में फूट के बाद भी समर्थन जारी रखने का आश्वाशन दिया था। लेकिन, जब समर्थन की बारी आई तो बीजेपी राजकुमार जी से संपर्क करना भूल गई, जिसके बाद उनका वोट खिलाफ गया।
यह भी पढ़े: Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: दो बार से कांग्रेस जीरो! BJP की रहेगी हैट्रिक पर नजर
सैफुद्दीन सोज उस दौर में नेशनल कांफ्रेस के सांसद हुआ करते थे। उनकी पार्टी की तरफ से दो सांसद थे, पहले सोज और दूसरे उमर अब्दुल्ला। सिन्हा की किताब के मुताबिक, सोज ने हज प्रतिनिधिमंडल के लिए कुछ नाम का सुझाव दिया था, जिसे फारुख अब्दुल्ला ने खारिज कर दिया था। इसी बीच 6 दिसंबर, 1998 को अटलजी का श्रीनगर में स्थानीय सरकार से मंत्रियों से मिलने का कार्यक्रम था। अटल जी दौरे पर पहुंचे भी लेकिन मुलाकात कैंसल हो गई।
जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग इस मुलाक़ात का कैंसिल होना अटल जी को भारी पड़ गया। लोकसभा में विश्वास मत के दौरान उमर अब्दुल्ला ने अटल जी के समर्थन में मतदान किया, लेकिन सोज ने सरकार के खिलाफ वोट डाल दिया। इसके बाद अगले दिन सोज को फारुख अब्दुल्ला ने पार्टी से निष्काषित कर दिया। विश्वास मत के नतीजे सामने आने पर अटलजी के पक्ष में 269 वोट और उनके खिलाफ 270 वोट पड़े। इस तरह 13 महीने में ही सरकार गिर गई।
यह भी पढ़े: Yusuf Pathan TMC Lok Sabha Candidate: लोकसभा चुनाव लड़ेंगे युसूफ पठान, TMC ने दिया टिकट
साल 2015 में गिरधर गमांग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा और लिखा कि, उन्हें लोगों द्वारा 1999 में अटल सरकार को गिराने का जिम्मेदार उन्हें माना जाता है। इस विषय पर कांग्रेस पार्टी ने कभी उनका साथ नहीं दिया। उनके इस कथन के बाद फिर से 13 महीने की सरकार गिरने का मुद्दा ख़बरों में आ गया, लेकिन इसके बाबजूद यह गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई कि गमांग और सोज, जिम्मेदार कौन?
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…