Categories: भारत

​बिस्मिल्लाह खां ने बजाई आजाद भारत की पहली शहनाई तो हिल गया पाकिस्तान, नेहरू ने ऐसे दिया था सम्मान

जयपुर। आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज है। 21 मार्च के दिन भारत और विश्व में घटी बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र है। लेकिन आज ही के दिन आज ही के दिन प्रसिद्व शहनाई वादक बिस्मिल्लाह ख़ान का नाम ऐसे शख्स ने जन्म लिया था जो भारत रत्न कहलाया। बिस्मिल्लाह खान ने गंगा के घाट से लेकर अमेरिका तक शहनाई की गूंज को स्थापित किया। उन्हें दुनिया के प्रख्यात शहनाई वादकों में शुमार किया जाता है। 26 जनवरी 1950 का वो दिन था जब बिस्मिल्लाह खाने ने गणतंत्र दिवस के दिन लाला किले पर शहनाई बजाई थी और पाकिस्तान मुंह ताकता रह गया था।

 

भारत की जबरदस्त फनकार
दुनिया में ऐसे बहुत से फनकार हुए हैं, जो किसी एक देश की सरहदों तक सीमित नहीं रहे। ऐसे भी लोग हुए जिन्होंने किसी एक साज के साथ खुद को ऐसा जोड़ लिया कि दोनो एक दूसरे का पर्याय बन गए। बांसुरी के साथ हरि प्रसाद चौरसिया, तबले के साथ उस्ताद अल्लाह रक्खा खां और उनके पुत्र उस्ताद जाकिर हुसैन, सितार के साथ पंडित रवि शंकर और शहनाई के साथ उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का नाम बड़े अदब और एहतमाद से लिया जाता है।

 

भारत रत्न से हैं सम्मानित
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की बात करें कि वह अपने फन के इस कदर माहिर थे कि उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। 21 अगस्त का दिन इतिहास में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के निधन के दिन के तौर पर दर्ज है। बिस्मिल्लाह खां के पिता भी एक अच्छे और बेहतरीन शहनाई वादक वे। भोजपुर रियासत में अपनी कला का प्रदर्शन भी करते थे। यही कारण रहा कि बिस्मिल्लाह खान भी अपने पिता के रास्ते पर चलते गए। उनके चाचा भी अच्छे शहनाई वादक थे।

 

बिस्मिल्लाह खां का जन्म संगीत से जुड़ाव
बिस्मिल्लाह खां का जन्म 21 मार्च 1916 को बिहार के डुमराव में हुआ था। उनके पिता का नाम पैगंबर खां और माता का नाम मिट्ठन बाई था। वे अपने माता-पिता के दूसरे संतान थे। उन्हें उनके दादाजी से बिस्मिल्लाह नाम मिला था। बिस्मिल्लाह खान का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। हालांकि, परिवार में संगीत का माहौल था। यही कारण रहा कि उनका भी संगीत की तरफ रुझान बढ़ता गया।

 

15 अगस्त 1947 को बजाई शहनाई
बिस्मिल्लाह खान को बनारस के घाट और भारतीय संस्कृति से बहुत प्यार था। वह बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में भी जाकर शहनाई बजाते थे। घंटो गंगा किनारे बैठना उन्हें बेहद पसंद था। आजादी के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान से 15 अगस्त 1947 को शहनाई बजाने का आग्रह किया था जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया।

 

आज भी गूंजती है शहनाई की मधुर धुन
सालों से जो दूरदर्शन और आकाशवाणी की सिग्नेचर ट्यून हमें सुनाई देती है, उसका भी धुन अपनी शहनाई के जरिए बिस्मिल्लाह खां ने भी तैयार किया था। 1956 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार दिया गया। 1961 में बिस्मिल्लाह खां को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 1968 में पद्म विभूषणस 1980 में पद्म विभूषण तो वहीं 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

Recent Posts

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

2 सप्ताह ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

2 सप्ताह ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

3 सप्ताह ago

जयपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा भिड़े अधिकारियों से

Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…

3 सप्ताह ago

No Shop, No Staff, No Investment: Saumic Craft Business Model Explain

Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…

3 सप्ताह ago

सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान! धरातल पर लागू होगा जनजाति समाज का पेसा एक्ट

PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…

3 सप्ताह ago