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EVM पर होगा बड़ा खुलासा, ‘राजीव गांधी’ के मित्र ने दी आंदोलन की चेतावनी!

 

EVM Big Revelation: ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए है। 'सैम पित्रोदा' को राहुल गांधी का विश्वस्त और पूर्व प्रधानमंत्री 'राजीव गांधी' का मित्र कहा जाता है। देश में सूचना क्रांति के जनक कहे जाने सैम पित्रोदा उर्फ सत्यनारायण विश्वकर्मा यूपीए सरकार में भी ज्ञान आयोग के चेयरमैन रहे हैं। सैम ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वह जल्द अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ इसका खुलासा करेंगे। 

 

EVM को किया जा सकता है कंट्रोल 

 

सैम पित्रोदा उर्फ सत्यनारायण विश्वकर्मा का कहना है कि EVM को अपने हिसाब से कंट्रोल किया जा सकता है। उनके मुताबिक EVM में दखल संभव है। उनका कहना है कि भारत में मौजूदा समय में इस्तेमाल हो रही ईवीएम मशीन स्टैंड अलोन मशीन नहीं है। इस मशीन के साथ जब वीवीपैट मशीन को कनेक्ट  किया गया, तभी से समस्याएं शुरू हुई। VVPAT एक अलग डिवाइस है जिसे EVM से जोड़ने के लिए एक स्पेशल कनेक्टर इस्तेमाल किया जाता है। 

 

EVM से VVPAT को कनेक्ट करने वाली डिवाइस को SLU कहते है। यही SLU कई बड़े सवालों के घेरे में है। सैम पित्रोदा के मुताबिक SLU Connector ही   VVPAT में यह दिखाता है कि किस बटन से किस कैंडिडेट को वोट मिला। वोटिंग से पहले ही SLU को प्रोग्राम किया जाता है। यही सब गड़बड़ है। 

 

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अगले पांच साल सेफ रहे वोटिंग पर्ची 

 

सैम पित्रोदा का कहना है कि VVPAT से निकलने वाली पर्ची अभी थर्मल प्रिंटर से निकलती है। ऐसे में वह कुछ हफ्ते तक ही सुरक्षित रह सकती है। लेकिन यदि ऐसा प्रिंटर इस्तेमाल किया जाए, जिससे निकलने वाली पर्ची को अगले पांच साल के लिए सुरक्षित रखा जा सके। पित्रोदा का कहना है कि इस प्रिंटर से निकलने वाली पर्ची को ऐसे बॉक्स में डाला जाए, जो किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से जुड़ा ना हो। उसके बाद ही बॉक्स की पर्चियों की गिनती होनी चाहिए। 

 

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EVM वोटिंग का होना चाहिए बहिष्कार

 

सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत और दुनिया के टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ ईवीएम में समस्या को लेकर गंभीर है। मेरी राहुल गांधी से भी बातचीत हुई है। मैं अगले कुछ दिनों में जल्द ही तकनीकी विशेषज्ञों के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने EVM पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की योजना बना रहा हूं। मेरा मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को EVM वोटिंग का बहिष्कार करना चाहिए। इसके खिलाफ जनजागरूकता आंदोलन चलाना चहिये। 

Aakash Agarawal

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