जयपुर. भारत में जी 20 देशों की बैठक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 8 से 10 सितंबर के बीच होने जा रही है। भारत में इस तरह का इतना बड़ा पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी सालभर से तैयारी चल रही थी। भारत में जी 20 का 18वां सम्मेलन होने जा रहा है, इससे पहले 17 बार बैठक हुई है। जी 20 की स्थापना साल 2008 में कई गई थी और पहली इसकी बैठक अमेरिकी में हुई थी।
भारत में होने जा रहे इस सम्मेलन में एक तरफ जहां रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी नहीं आएंगे। चीन की तरफ से इस सम्मेलन में वहां के प्रधानमंत्री को भेजा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये जी 20 सम्मेलन क्या है और इसका आखिर क्या मकसद है?
जी 20 का गठन
ये दरअसर जी 8 देशों का विस्तार है। शुरुआत में एक जी-7 ग्रुप होता था, जिसमें कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन इसके सदस्य होते थे. लेकिन, रुस में इस ग्रुप के साथ साल 1998 में जुड़ गया.लेकिन, 1999 से पहले एशिया कुछ सालों से आर्थिक संकट से जूझ रहा था और इसके बाद जर्मनी के बर्लिन में जी 8 की बैठक के दौरान जी 20 का गठन किया गया। साल 2007 में ग्लोबल इकॉनोमिक क्राइसिस के बाद जी 20 फोरम को राष्ट्रप्रमुखों के स्तर का बना दिया गया। जी 20 समूह की पहला सम्मेलन अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में हुआ था। जी 20 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया के प्रमुख आर्थिक देशों का सम्मेलन, जहां सदस्य देशों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्तीय, व्यवसाय, निवेश और जलवायु परिवर्तन समेत जरूरी मुद्दों पर चर्चा करना है। दुनिया की जीडीपी में जी 20 देशों की हिस्सेदारी करीब 85% है. इसके अलावा, दुनिया का कुल 80% प्रोडक्शन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समूह में इसकी 75% हिस्सेदारी है।
ऐसा नहीं है कि हर साल इसकी बैठक होती है। 2008 में इसके गठन के बाद 24 साल में 18वां सम्मेलन नई दिल्ली में होने जा रहा है। इसका पहला सम्मेलन 14-15 नवंबर को अमेरिका का वाशिंगटन, दूसरा सम्मेलन 2009 में 2 अप्रैल को हुआ। इसके बाद तीसरा जी 20 सम्मेलन 24-25 सितंबर को 2009 में ही अमेरिका के पिट्सबर्ग में हुआ। चौथा सम्मेलन कनाडा को टोरंटो में 26-27 जून 2010 को, पांचवां सम्मेलन दक्षिण कोरिया के सियोल में साल 2010 में 11-12 नवंबर को, छठा सम्मेलन साल 2011 में 3 और 4 नवंबर को फ्रांस के कांस में किया गया।
G-20
G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं, ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 साल में जी-20 समिट का आयोजन दो-दो बार किया गया था। इस सम्मेलन में ग्रुप के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया जाता है और कुछ अन्य देशों को भी बुलाया जाता है। इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। भारत की अध्यक्षता में इस साल जी-20 सम्मेलन दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहा है।
कब कहां हुआ सम्मेलन?
जी 20 का सातवां सम्मेलन साल 2012 में 18 और 19 जून को मैक्सिको में हुआ, इसके बाद आठवां सम्मेलन इसी साल रुस में हुआ। नौवां सम्मेलन पीट्सबर्ग में साल 2014 में 15-16 नवंबर को हुआ. दसवां सम्मेलन तुर्की में साल 2015 में 15-16 नवंबर को किया गया। ग्यारहवां सम्मेलन साल 2016 में चीन में 4-5 सितंबर को किया गया।
जी 20 का बारहवां सम्मेलन जर्मनी के हैमबर्ग में साल 2017 में 7-8 जुलाई को किया गया। इसका 13वां सम्मेलन 2018 में अर्जेंटीना में 1 दिसंबर 2018 को आयोजित किया गया। चौदहवां सम्मेलन ओसाका में साल 2019 में 28-29 जून को किया गया।पन्द्रहवां सम्मेलन 2020 में सऊदी अरब में कोरोना के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 21 और 22 नवंबर को किया गया। इसके बाद 16वां सम्मेलन इटली के रोम में 2021 में 30-31 अक्टूबर को आयोजित किया गया। 17वां सम्मेलन इंडोनेशिया में साल 2022 में 15-16 नवंबर को आयोजित किया गया। 18वां जी 20 सम्मेलन 9-10 सितंबर को भारत में होने जा रहा है। 19वां सम्मेलन ब्राजील में 2024 में हो सकता है।
क्या है जी 20 के पास शक्तियां
जहां तक जी 20 को अधिकारी की बात है तो संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इसके बाद कोई विधायी शक्ति नहीं है और न ही इसके सदस्य देशों के बीच उस फैसले को मानने की कोई कानूनी बाध्यता है। मुख्य रुप से समझें तो जी 20 सदस्य देशों के बीच दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और उसको बढ़ावा देने पर चर्चा होती है। इसमें एजुकेशन, रोजगार और खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने जैसे मुद्दों पर फैसले लिए जाते हैं। इसका कोई मुख्यालय या सचिवालय नहीं है। जी 20 के अध्यक्ष का फैसला ट्रोइका से तय किया जाता है और हर सम्मेलन को वर्तमान, पिछले और भविष्य के राष्ट्राध्यक्षों के समर्थन से आयोजित किया जाता है, आसान भाषा में समझे तो इस बार ट्रोइका में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील है।
जी-20 के सदस्य ये देश
जी-20 को सबसे बड़ा वैश्विक संगठन माना जाता है. इसके सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है. जी-20 की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक वैश्विक व्यापार में भी ये संगठन 80 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है और करीब दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…