Humbistari in Ramadan : रमजान का मुबारक महीना चल रहा है। इस्लाम में इस पाकीजा महीने में अल्लाह की जमकर इबादत की जाती है, तथा बुरे कामों से बचा जाता है। रमजान में बीवी के साथ हमबिस्तरी करने को लेकर कई लोगों को मन में दुविधा रहती है। ऐसे में हमने आपको पहले भी एक लेख के द्वारा रमजान में हमबिस्तरी करने को लेकर क्या नियम कायदे हैं ये जानकारी दी थी। जिसको पाठकों ने खूब सराहा और जमकर शेयर भी किया है। इसके लिए हम आपके शुक्रगुजार है। आज हम इस लेख में आपको रमजान में हमबिस्तरी करने का सही समय बता रहे हैं जो हदीस की रोशनी में बिल्कुल सही है। सेहरी से पहले और तरावीह के बाद वो कौनसा समय है जब आप अपनी पत्नी के साथ हमबिस्तर (Humbistari in Ramadan) हो सकते हैं। यही जानकारी हम आपको देने वाले हैं। उम्मीद है आप पहले की तरह इस लेख को भी भरपूर प्यार देंगे और अपनी दुआओं में हमें हमेशा शामिल करेंगे।
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वैसे तो रमजान में बीवी के साथ हमबिस्तरी करने से बचने का हुक्म दिया गया है। नबी ए करीम ने कहा कि रमजान में अपनी बीवियों से थोड़ी दूरी कायम करों ताकि इबादत में नफ्स की वजह से कोताही न हो। चूंकि शैतान इस महीने में कैद है, ऐसे में जिस्मानी ख्वाहिश पूरा करने के चक्कर में मोमिन रोजे से दूर हो सकता है। वैसे आप रोजा खोलने से लेकर सेहरी से पहले तक अपनी पत्नी के साथ हमबिस्तर हो सकते हैं। हमबिस्तरी का सबसे सही समय रात के दो बजे से लेकर तीन बजे के बीच का वक्त है। क्योंकि इसके बाद आप नहा कर पाक हो सकते है। ताकि सेहरी के लिए भी वक्त मिल जाएगा। हमबिस्तरी के तुरंत बाद आपको गुस्ल करना होगा, यानी स्नान करके पाक होना पड़ेगा। मियां बीवी दोनों का संबंध बनाने के बाद गुस्ल के तरीके से नहाना बहुत ज्यादा जरूरी है। वरना रोजा कुबूल नहीं होगा और अल्लाह के गजब का आपको सामना करना पड़ेगा।
सेहरी करने के बाद से लेकर इफ्तार से पहले तक बीवी के साथ सोहबत करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस वक्त में आपका हमबिस्तर होने का इरादा रोजे को खतरे में डाल सकता है। रोजे की हालत में अगर आपने गलती से हमबिस्तरी कर ली तो इसका कफ्फारा अदा करना होगा। इसी वजह से दिन में रमजान के दौरान बीवी के साथ संभोग करने से बचना ही बेहतर है। रोजे में किस करने के लिए भी सावधानी बरते। चुंबन के दौरान या पत्नी को गले लगाते हुए अगर आपके मन में सहवास करने का ख्याल आ गया तो रोजा टूट जाएगा।
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पत्नी से रोजे की हालत में शारीरिक संबंध बनाने से न केवल रोजा टूट जाता है, बल्कि अल्लाह तआला भी इससे बहुत नाराज होते हैं। यानी Ramzan me Humbistari को कबीरा गुनाह माना गया है। इस गुनाह का कफ्फारा यानी प्रायश्चित ये है कि आप लगातार 60 दिनों के रोजे रखे और 60 दिन तक गरीबों को खाना खिलाए। तब जाकर Ramzan me Humbistari के गुनाह की माफी मिलेगी। तो इससे अच्छा है हुजूर के बताये अनुसार दिन में सब्र करें और रात में इबादत करें। एक महीना पत्नी को भी कह दें कि ये समय अल्लाह के लिए हैं।
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