भारत

Kunde kab hai 2024: मुसलमान कुंडे का त्योहार क्यों मनाते हैं, हकीकत यहां जान लीजिए

Kunde kab hai 2024: मुसलमानों के त्योहार गिने चुने होते हैं। आमतौर पर हम लोग ईदउल फितर, बकराईद, मोहर्रम, बारावफात के अलावा मुस्लिमों के त्योहारों के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। जैसे रमजान से पहले वाले महीने में शबे बारात आता है। उसी तरह फरवरी के महीने में इस बार कुंडे का त्योहार (Kunde Kab Hai 2024) कल मनाया जाएगा। हर साल 22 रजब को सुन्नी मुसलमान अपने घर पर हज़रत इमामे जाफ़रे सादिक (Imam Jafar Sadiq) को फातिहा नियाज लगाते हैं, जिसे कुंडे भरना या कुंडे की नियाज भी कहते हैं। तो चलिए इस साल Kunde kab hai 2024 हम आपको बता देते हैं, साथ ही यह भी बताएंगे कि कुंडे क्यों मनाया (Kunde Kyon Manate Hai) जाता हैं।

यह भी पढ़ें:Kunde kab hai 2024: रमजान से पहले आ गया मुसलमानों का यह त्योहार, बहुत कम लोग जानते हैं

कुंडे की हकीकत जान लीजिए (Kunde Kyon Manate Hai)

हर साल 22 रजब को बरेलवी सुन्नी मुसलमान कुंडे की नियाज (Kunde Kab Hai 2024) लगाते हैं। जिसे कुंडे भरना कहा जाता है। यानी इस साल 4 फरवरी को मुस्लिम घरों में खीर पूरी बनाई जाएगी तथा उस पर इमाम ज़ाफ़र सादिक़ (Imam Jafar Sadiq) के नाम से फातिहा दिलाकर बच्चों यतीमों गरीबों को खिलाया जाएगा। रजब यानी हिजरी संवत का एक महीना। इसके बाद शाबान और फिर रमजान का महीना आता है। हर साल 22 रज़ब को कुंडे मनाने वालों की तादाद एशियाई देशों में बहुत ज़्यादा हैं। कुंडे का त्योहार ज्यादातर भारत पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे मुल्कों में ही ज़्यादा मनाया जाता हैं। जबकि सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों में कुंडे नहीं मनाया जाता हैं।

यह भी पढ़ें:Gyanvapi Masjid Case में मुस्लिम पक्ष को फिर बड़ा झटका, जारी रहेगी तहखाने में पूजा

कुंडे क्यों मनाए जाते हैं (Kunde Kyon Manate Hai) ?

कुंडे (Kunde Kab Hai 2024) सुन्नी मुसलमानों द्वारा मनाए जाने वाले एक खास त्योहार हैं। इमाम जाफर सादिक (Imam Jafar Sadiq) का जन्म 22 रजब को हुआ था। वे छठवें शिया इमाम थे। उन्हें मुजतबा यानी चुना हुआ के नाम से भी जाना जाता है। उन्हीं की याद में मुस्लिम बंधु मिट्टी के कुंडे (Kunde Kyon Manate Hai) में खीर बनाकर फातिहा लगाते हैं। माना जाता है कि इससे उनकी मुराद पूरी होती है। खीर-पूड़ी बनाकर कुंडे में रखी जाती है और फिर बच्चों गरीबों रिश्तेदारों को खिलाई जाती हैं।

यह भी पढ़ें:Shab-e-Barat 2024 से जुड़ी वो बातें, जो मुसलमानों को भी नहीं हैं मालूम

कुंडे (Kunde) नाम क्यों पड़ा ?

कुंडे (Kunde Kab Hai 2024) एक प्रकार का मिट्टी का बर्तन होता है, जिसमें खीर पूड़ी बनाकर रखी जाती है। मुसलमान कहते है कि इस दिन मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं। आम तौर पर मुसलमान कुंडे के दिन टिकिया, खस्ता, और पूड़ी बनाते हैं। इन्हें कुंडे में रखकर इमाम जाफर सादिक (Imam Jafar Sadiq) के नाम से फातिहा और नियाज दिलाई जाती है। इसके बाद लोग रिश्तेदारों मासूम बच्चों और गरीबों को ये खाना खिलाते हैं। मिट्टी के बर्तन को कुंडा कहते हैं, सो यही से नाम पड़ गया कुंडे की फातिहा। अब आपको अच्छी तरह पता चल गया होगा कि कुंडे की क्या हकीकत (Kunde Kyon Manate Hai) हैं, और मुसलमान 2024 में कल 4 फरवरी को कुंडे का त्यौहार कैसे मनाने वाले हैं।

Morning News India

Share
Published by
Morning News India

Recent Posts

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

2 महीना ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

2 महीना ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

2 महीना ago

जयपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा भिड़े अधिकारियों से

Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…

2 महीना ago

No Shop, No Staff, No Investment: Saumic Craft Business Model Explain

Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…

2 महीना ago

सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान! धरातल पर लागू होगा जनजाति समाज का पेसा एक्ट

PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…

2 महीना ago