MF Husain Qatar: चित्रकारी की दुनिया में एमएफ हुसैन यानी मक़बूल फ़िदा हुसैन एक ऐसा जाना पहचाना नाम है जिनकी शख्सियत किसी तआरुफ की मोहताज नहीं है। दुनिया भर में अपनी पेंटिंग की नायाब फ़नकारी को लेकर MF Husain काफी चर्चा में रहे थे। लेकिन क्या आप जानते है कि MF Husain को एक मुस्लिम देश ने अपनाया था। जब भारत में देवी देवताओं की आपत्तिजनक पेंटिंग्स को लेकर बवाल मचा था तब खाड़ी देश क़तर ने उन्हें (MF Husain) 23 फरवरी 2010 को अपने यहां की नागरिकता प्रदान की थी। हाल ही में पीएम मोदी भी क़तर गए थे। तो चलिए जानते हैं इस बारे में कि कैसे क़तर और हुसैन साहब का रिश्ता जुड़ा।
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40 के दशक में पहली बार MF Husain को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी। युवा चित्रकार के रूप में हुसैन साहब बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स की पुरानी परंपरा को तोड़कर कला को नया आयाम देने की कोशिश में जुटे रहते थे। हालांकि जब हिंदू पेंटिंग्स को लेकर विवाद हुआ तो हुसैन साहब की देशभक्ति पर भी कई सवाल खड़े किए गए थे। इस दौरान देश भर में हुसैन साहब का कड़ा विरोध हुआ जिसके बाद उन्होंने भारत छोड़ दिया था।
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साल 2006 में MF Husain साहब के खिलाफ खूब प्रदर्शन हुए क्योंकि विवादित पेंटिंग्स ने बखेड़ा खड़ा कर दिया था। उसके बात हुसैन साहब को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान वह लंदन, दोहा और कतर में रहे। 9 जून 2011 को लंदन में उनका निधन हो गया। क़तर के शेख कला के मुरीद थे, सो उन्होंने MF Husain साहब को अपने यहां कि नागरिकता प्रदान की। क़तर में MF Husain साहब के काफी फैंस बन गए।
एमएफ हुसैन माधुरी दीक्षित के बहुत बड़े फैन थे। 85 साल के उम्र में उन्होंने माधुरी के साथ एक फिल्म ‘गजगामिनी’ बनाई थी। इसके बाद उन्होंने तब्बू के साथ ‘मीनाक्षी: अ टेल ऑफ थ्री सिटीज’ नामक मूवी भी बनाई थी। हुसैन तब्बू, विद्या बालन और अमृता राव के भी काफी मुरीद रहे थे। हुसैन साहब की पेंटिंग्स में उनका खुशनुमा मिज़ाज नज़र आता था।
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