MSME ke Types: अमूमन हम समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनलों और सरकार द्वारा की जानें वाली उद्योग जगत की घोषणाओं में एमएसएमई का नाम अवश्य सुनते हैं। हालाँकि एमएसएमई (MSME Kya Hai) क्या होता है? इस बारे में बहुत ही कम लोग जानते है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है और इसे अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। यह सेक्टर रोज़गार के अवसर तो पैदा करता ही है साथ ही दूर दराज ग्रामीण इलाकों के विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो भारत में करीब 6.3 करोड़ एमएसएमई हैं। तो चलिए MSME कितनी तरह (MSME ke Types) के होते हैं इस बारे में जान लेते हैं।
अब सवाल उठता है कि एमएसएमई उद्योग कितनी तरह के होते हैं, तो ये मुख्य रुप से दो तरह के होते हैं। पहला मैनुफैक्चरिंग सेक्टर जिसमें किसी भी उत्पाद का निर्माण किया जाता है, जैसे ब्रेड बनाने की फैक्ट्री। और दूसरा सर्विस सेक्टर जिसमें विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं। जैसे उस ब्रेड को ग्राहक तक पहुंचाने में लगी एजेंसी।
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सरकार एमएसएमई के तहत युवाओं को बिज़नेस करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जिसके दो फायदें हैं एक तो आत्मनिर्भर भारत के तहत देश भी आगे बढ़ रहा है और वहीं दूसरी ओर रोजगार के नए अवसर भी खुल रहे हैं। देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने तथा उनकी आर्थिक रुप से मदद करने के लिए ही भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय बनाया है।
भारत देश में लगभग 45% रोजगार छोटे उद्योगों के कारण मिलता है और भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले सामान का लगभग 50% सामान छोटे उद्योगों के द्वारा ही उत्पादित किया जाता है। इसलिए भारत सरकार का मानना है कि देश में ज्यादा से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग खोले जाएं जिससे अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न हो सके।
MSME में रजिस्टर्ड कंपनियों को सरकारी लाईसेंस और प्रमाणीकरण जल्द और आसानी से मिल जाते हैं। सरकार ने छोटे उद्योगों में मदद के लिए कई तरह के सरकारी टेंडर भी खोले हैं, जो लघु व्यवसाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ही खोले गए हैं। राज्य सरकार ऐसी कंपनियों को औद्योगिक, बिजली और कर सब्सिडी भी उपलब्ध कराती है। इसके अंतर्गत आने वाली कंपनियों को विशेष रूप से बिक्री कर में छूट दी जाती है।
एमएसएमई कारोबारियों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई तरह के लाभ दिये जाते हैं। सरकारी बैंक के साथ ही साथ प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां भी कम ब्याज दर पर बिजनेस लोन देती हैं। लेकिन इन सारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आपके उद्योग का एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो हर तरह के बिज़नेस के लिए एमएसएमई एक बेहतरीन ऑप्शन है। आप सरकार की मदद लेकर अपने बिज़नेस को शुरू कर सकते हैं और ज़्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। तो अब आपके मन में MSME को लेकर किसी भी तरह की कोई शंका नहीं रहनी चाहिए।
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