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रब की रहमत के साथ पाएं अच्छी सेहत, नमाज़ के मेडिकल फायदे

Namaz ke Medical Fayde : पूरी दुनिया में आज 21 जून 2024 को विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है। निरोग रहने के लिए योग बहुत जरूरी है। बात करें इस्लाम की तो एक मुसलमान दिन में पांच बार नमाज पढ़ता है उसमें 300 बार से ज्यादा अलग-अलग योगासन करता है। जबकि आए दिन मुसलमानों द्वारा योग का विरोध किया जाता है। हमने यह तो आपको बता दिया की नमाज में कितनी बार योग होता है अब यह भी बता देते हैं की नमाज पढ़ने के क्या-क्या मेडिकल फायदे (Namaz ke Medical Fayde) हैं। ये पोस्ट आप अपने तमाम मुसलमान साथियों तक ज़रूर शेयर करें ताकि वह पंचवक्ता नमाजी बनकर रहमत के साथ सेहत भी पा सके। अल्लाह हमें भी पंचवक्ता नमाजी बनने की तौफीक़ नसीब अता फरमाएं। आमीन सुम्माआमीन

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रब की रहमत के साथ पाएं अच्छी सेहत (Namaz ke Medical Fayde)

इस्लाम में हर चीज का एक साइंटिफिक महत्व है। नमाज के पहले मुसलमान को वजू करना होता है यानी पानी से अपने शरीर को एक निश्चित तरीके से धोना होता है। दिन में पांच बार (Namaz ke Medical Fayde) अगर वह ऐसा करेगा तो उसके शरीर की सारी गंदगी दूर हो जाएगी। फिर जब वह पांच बार नमाज में योगासन करता है तो शरीर की सारी बीमारियां धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। योग को कसरत की तरह से देखा जाना चाहिए, धार्मिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

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नमाज ध्यान समाधि का ही रूप है (Namaz is Meditation)

नमाज को ध्यान या फिर समाधि का ही इस्लामी रूप (Yoga in Islam Namaz) कह सकते हैं। इसमें बंदा खुद से लौ लगाता है और बाहरी दुनिया से कट ऑफ हो जाता है। पांच वक़्त की नमाज़ पढ़ने से दिनचर्या अनुशासित एवं व्यवस्थित होती है। नमाज पढ़ने से टेंशन से मुक्ति मिलती है। सीधी सी बात करें तो मुसलमानों के लिए नमाज एक बेहतरीन तोहफा है। रब की रहमत के साथ अच्छी सेहत भी इसे प्राप्त हो सकती है।

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इस्लाम के साइंटिफिक फैक्ट्स (Islamic Facts in Hindi)

इस्लामिक साइंस पर आधारित एक सभ्य मजहब है। इस्लाम में किसी भी मान्यता का महत्व साइंस की कसौटी पर खरा उतरता है। नमाज का महत्व इस्लाम में सबसे ज्यादा है। नमाज में मुसलमान कई बार योग करता है। इस्लाम में बैठकर (Islamic Facts in Hindi) पानी पीने के लिए कहा गया है इसके कई मेडिकल फायदे हैं। साथ ही इस्लाम में मिस्वाक यानी दातुन करने का हुक्म भी दिया गया है जो की मसूड़ों और दांतों की समस्याओं से निजात दिलाता है। दिन में पांच बार नमाज से पहले वजू बनाने से शरीर की सारी गंदगी दूर हो जाती है। रमजान के महीने में एक महीने भूखा प्यासा रहने से शरीर की सारी बीमारियां खत्म हो जाती हैं। यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो इस्लाम में हर चीज साइंस पर आधारित है।

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