नई दिल्ली : Rahul Gandhi News : कांग्रेस के विरष्ठ नेता राहुल गांधी शैडो प्रधानमंत्री (Shadow Prime Minister) बनने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए की 18वीं लोकसभा में वो नेता प्रतिपक्ष होंगे जिसके चलते उन्हें शैडो प्रधानमंत्री का दर्जा मिल जाएगा। विपक्षी नेता बनते ही राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिलेगा जिस कारण प्रोटोकॉल सूची में उनका स्थान बढ़ेगा। इसके बाद उन्हें बड़ा बंगला (टाइप 8) मिलेगा। हालांकि इसके साथ ही अब उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाएगी। इस बार राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर आए हैं और 5वीं बार लोकसभा पहुंचे हैं।
पिछले 10 साल बाद लोकसभा में किसी नेता को आधिकारिक रूप से नेता प्रतिपक्ष (Opposition Leader) का दर्जा दिया गया है। इसके पीछे का कारण 16वीं और 17वीं लोकसभा में कांग्रेस समेत किसी भी अन्य विपक्षी दल के पास इस पद के लिए जरूरी 10 फीसदी सदस्य नहीं थे। इसबार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटें जीती है, जिसके दम पर अब वो नेता प्रतिपक्ष बना रही है।
राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में लोकसभा में पहली पंक्ति में सीट दी जाएगी जो डिप्टी स्पीकर की सीट के बगल वाली होगी। इसके अलावा उन्हें संसद भवन में सचिवीय और अन्य सुविधाओं से लैस एक कमरा भी दिया जाएगा। उनको औपचारिक अवसरों पर कुछ विशेषाधिकार भी मिलेंगे। इनमें निर्वाचित अध्यक्ष को आसन तक ले जाना और राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते समय अग्रिम पंक्ति में स्थान मिलना शामिल है।
राहुल गांधी अब विपक्षी नेता के तौर पर केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार से जुड़े चयन के अलावा लोकपाल, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों, सीबीआई निदेशक जैसी प्रमुख नियुक्तियों पर महत्वपूर्ण पैनल के सदस्य भी रहेंगे। इन पैनल का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।
रहाुल नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनकी प्रमुख भूमिकाओं में से एक सरकार की नीतियों पर ‘प्रभावी’ सवाल भी उठाएंगे। विपक्ष के नेता को ही सरकार की विधायिका और जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करनी होती है। इसके अलावा उन्हें ही सरकारी प्रस्तावों/नीतियों के विकल्प प्रस्तुत करने होंगे।
आपको बता दें कि विपक्ष का नेता ही “शैडो प्रधानमंत्री” होता है जिसके पास अपना ‘शैडो मंत्रिमंडल’ होता है। यह चुनाव में अपनी पार्टी के बहुमत प्राप्त करने या मौजूदा सरकार के त्यागपत्र देने अथवा हारने पर सरकार बनाने की जिम्मेदारी लेता है। नेता प्रतिपक्ष को उतनी ही जिम्मेदारी और सावधानीपूर्व कार्य करना होता है जितना प्रधानमंत्री करता है।
नेता प्रतिपक्ष बनते ही राहुल गांधी वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 3 में निर्दिष्ट वेतन और अन्य सुविधाएं तथा भत्ते प्राप्त करने के अलावा, सचिव की सहायता के हकदार भी होंगे। उसके पास एक कैबिनेट मंत्री की तरह पर्सनल स्टाफ भी रहेगा। राहुल को 1 निजी सचिव, 2 अतिरिक्त निजी सचिव, 2 सहायक निजी सचिव, 2 निजी सहायक, 1 हिंदी स्टेनो, 1 क्लर्क, 1 सफाई कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी के 4 कर्मचारी भी मिलेंगे। उनको सरकारी भत्ते के अलावा, 1954 के कानून की धारा 8 के तहत निर्दिष्ट समय के लिए उसी दर पर निर्वाचन क्षेत्र भत्ता दिया जाएगा।
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