जयपुर। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जा रही है। इसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए काशी के कर्मकांडी विद्वानों और ज्योतिषियों को जिम्मेदारी मिली है। इतना ही नहीं बल्कि काशी के हस्तशिल्पियों को यज्ञ पात्र तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है। अयोध्या में रामजी का जलाभिषेक करने के लिए हस्तशिल्पियों को विशेष घड़ा बनाने की जिम्मेदारी मिली है। यह सहस्त्रछिद्र जलाभिषेक घड़ा है जिसको तैयार किया गया है। यह घड़ा व्हाइट मेटल से बनाया गया है जिसको जर्मन सिल्वर भी कहा जाता है।
1008 छिद्रों वाले इस घड़े के अलावा 121 पुजारियों के लिए 125 सेट पूजन पात्र भी तैयार किए गए हैं। इसके प्रत्येक सेट में कमंडल या लुटिया, आचमनी, तष्टा यानी छोटी तश्तरी को भी तैयार किया गया है। सहस्त्रछिद्र जलाभिषेक घड़ा काशी के हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार किया जाता है। वाराणसी का काशीपुरा धातु के हस्तशिल्पियों के लिए प्रसिद्ध है जिनका लोहा पूरी दुनिया मानती है। इस घड़े को लालू कशेरा ने तैयार किया है। लालू अपनी 5वीं पीढ़ी के हैं जो इस परंपरा को आगे बढ़ा रहें हैं।
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इस घड़े में 1008 छिद्र हैं जिनकी जल धारा से रामलला को स्नान कराया जाएगा। इसके साथ ही 121 पुजारियों के लिए 125 सेट पूजन पात्र भी तैयार किए गए हैं। प्रत्येक सेट में कमंडल, आचमनी, तष्टा यानी छोटी तश्तरी भी तैयार की गई है। वहीं, अभिषेक के लिए एक श्रृंगी भी तैयार की गई है।
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खबर है कि 10 जनवरी तक इस ऑर्डर की पूर्ती कर दी जाएगी। इस ऑर्डर को तैयार करने में कारीगर 20 दिसंबर से लगे हुए हैं।
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