भारत

Ramadan Facts: केवल भूखे प्यासे रहने से नहीं होगा रोजा, ये काम भी करें मुसलमान

Ramadan Facts: रमजान का महीना चल रहा है। सुबह से शाम तक भूखे प्यासे रहने वाले मुस्लिम बंधु इस महीने में अल्लाह को राज़ी करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। लेकिन केवल भूखे प्यासे रहने से रोजे का हक अदा नहीं होता हैं। इसके लिए आपको शरीर के साथ ही आत्मा का भी रोजा रखना होता है। चूंकि रोजे का मकसद इंसानों में तकवा पैदा करना है, इसलिए रोजे में केवल शरीर को दुख देने का कोई मतलब नहीं है। रोजे का मकसद (Ramadan Facts) इबादत के जरिए अल्लाह का कुर्ब हासिल करना है। हम आपको वो सभी काम बताने वाले हैं जिनको करने के बिना रोजा (Ramadan Facts) पूरा नहीं होता है।

यह भी पढ़ें:Jaipur Sehri Iftar Time: जयपुर सेहरी इफ्तार टाइम 21 मार्च 2024, दसवीं सेहरी कब होगी!

रोजे में ये काम जरूर करें
(Ramadan Facts)

1. नमाज

रोजे के दौरान नमाज पढ़ना बहुत जरूरी है। गैर रमजान में भी नमाज माफ नहीं है तो रमजान में तो रब नमाज का सवाब कई गुना बढ़ा देता है। अल्लाह तआला फरमाते है कि जिसने नमाज को जान बूझकर छोड़ दिया कि मानो उसने कुफ्र को हासिल कर लिया। नमाज के बिना मोमिन का कोई भी अमल कुबूल नहीं होता है। ऐसे में बिना नमाज के रोजा रखना बेकार है। रोजे के साथ नमाज जरूर पढ़ें।

2. तहज्जुद की नमाज

रमजान की रातों में तहज्जुद की नमाज का भी काफी महत्व है। रात के तीसरे पहर में पढ़ी जाने वाली नफ्ली नमाज को तहज्जुद की नमाज कहते हैं। हदीस में है कि जिसने रमजान की रातों में सवाब की नियत से तहज्जुद की नमाज अदा की, अल्लाह उसके सारे गुनाह माफ कर देते हैं, चाहे वो समंदर के झाग के बराबर हो।

3. कुरान की तिलावत

रमजान के दिनों में ही कुरआन शरीफ आखिरी रसूल पर नाजिल हुआ था। ऐसे में रोजे की हालत में ज्यादा से ज्यादा कुरान की तिलावत करनी चाहिए। जिसको हिंदी आती है वह कुरान को समझकर हिंदी तर्जुमें में पढ़ें, ताकि इसके पैगाम को समझा जा सके। जब तक आप अरबी कुरान को हिंदी में नहीँ समझेंगे तब तक इसकी हैबत दिलों में कैसे उतरेगी भला।

यह भी पढ़ें:Ramzan me Zakat : रमजान में मुस्लिमों के लिए ये है जकात का नियम, जानिए किसें और कितनी दें

4. दान पुण्य यानी जकात खैरात

रमजान के दिनों में ज्यादा से ज्यादा सदका और खैरात करने के लिए कहा गया है। इसी महीने में जकात अदा करनी चाहिए। अल्लाह तआला को रमजान में रोजे के दौरान अपने बंदे की सखावत यानी दान देने की आदत बहुत पसंद है। इस्लाम में खाना खिलाने और गरीबों को जकात देने पर बहुत सवाब है।

5. दुआ, जिक्र, तौबा अस्तगफार

रमजान में रोजे रखने के साथ कसरत से दुआ का भी एहतिमाम करना चाहिए। दुआ से पहले और बाद में दुरूद शरीफ जरूर पढ़ें ताकि दुआ की हिफाजत हो सकें। अल्लाह रब्बुल इज्जत फरमाते है कि रोजे की हालत में और खास तौर से इफ्तार के पहले मांगी गई दुआ हमेशा कुबूल की जाती है। तौबा और अस्तगफार भी करते रहे। यानी अपने गुनाहों पर रब से माफी तलब करते रहे।

Morning News India

Share
Published by
Morning News India

Recent Posts

Rawat Public School प्रताप नगर के विद्यार्थी सी बी एस ई वेस्ट जोन योगासन में चैंपियन

रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…

2 weeks ago

झोटवाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र

blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…

2 weeks ago

जयपुर का युवा बना रहा है भारत के सबसे वैज्ञानिक बेबी टॉय ब्रांड – LiLLBUD

IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…

2 months ago

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

4 months ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

4 months ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

4 months ago