Ramzan me Maut : मुस्लिम बंधुओँ के लिए इस समय गुनाहों से माफी का महीना रमजान चल रहा है। रमजान में ईमान वाले भाई बहिन अल्लाह को राजी करने के लिए रोजा रखते हैं, नमाज तरावीह कुरआन पढ़ते हैं तथा बुराई से बचते हैं। कहा जाता है कि रमजान में मौत होने पर बंदे को सीधे जन्नत में दाखिल किया जाता है। लेकिन क्या वाकई में हदीस में ये बात साबित होती है, इसी मुद्दे पर हमने कुछ तहकीक करके आपके लिए जानकारी जमा की है। ताकि हिंदी समझने वाले हमारे दीनी भाईयों का कुछ फायदा हो सकें। Ramzan me Maut को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। जिनको दूर करना और समझना जरूरी है कि नबी ए पाक ने इसको लेकर क्या हुक्म दिया था। इल्म की रौशनी में सही गलत का फैसला करना चाहिए। ना कि सुनी सुनाई बातों पर अकीदा बनाकर खुद को कुएं का मेंढक बना लेना चाहिए।
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रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि “जब रमज़ान आता है, तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और शयातीन को जंजीरों में जकड़ दिया जाता है।” यानी इस हदीस में साफ तौर पर कहा गया है कि रमजान में दोजख बंद रहती है। ऐसे में किसी भी मोमिन की मौत होने पर उसे सीधे जन्नत में ही दाखिल किया जाता है। लेकिन इसके कुछ नियम हैं। अगर वह बंदा खुदा का नाफरमान और गुनाहगार होगा तो रमजान खत्म होने पर उसका हिसाब किताब किया जायेगा। नहीं तो नेक बंदों के लिए जन्नत ही ठिकाना है।
हदीस में जिक्र है कि रमज़ान के महीने में दोजख के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं और शैतान को जंजीरों से जकड़ दिया जाता है जबकि जन्नत के दरवाज़े खुल जाते हैं। यानी के रमजान के पाकीजा महीने में मरने वाले मुसलमानों को इस महीने में अल्लाह की रहमत हासिल हो जाती है। लेकिन रमजान पूरा होने पर गुनहगारों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है। क्योंकि केवल रमजान में मरने की बिना पर जन्नत नहीं मिल जाएगी। इतना है कि रमजान में मौत होने पर ईद का चांद दिखने तक बंदा जहन्नम से बचा रहेगा। लेकिन बाद में हिसाब किताब होना तय है।
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इस्लाम में बंदे की मौत होने पर उसे कयामत तक बरजखी दुनिया में रखा जाता है। मतलब कब्र में सवाल जवाब के बाद बंदे का फैसला कर दिया जाता है। जन्नत और जहन्नम का हिसाब किताब तो कयामत के दिन होगा जब इंसानी रूहों को कब्रों से उठाकर मैदाने महशर में जमा किया जाएगा। तब तक मुसलमान की रूह को बरजखी आलम में रखा जाता है। अगर उसने नेक आमाल किए हैं, और कब्र में मुन्कर नकिर फरिश्तों के तीन सवालों के सही जवाब दे दिये तो उसके लिए कयामत तक चैन की नींद है, वरना कब्र का अजाब मुर्दों को कयामत तक चखना पडे़गा। अल्लाह हमें भी रमजान की मौत नसीब फरमाएं।
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