जयपुर। RSS के स्वयंसेवक रहे कोलकाता हाईकोर्ट के जज चित्त रंजन दास का रिटायरमेंट (Judge Chitta Ranjan Das) हो गया है। अपने रिटायरमेंट के मौके पर उन्होंने कहा कि वो पहले वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य थे। उन्होंने उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों और बार के सदस्यों की उपस्थिति में अपने विदाई समारोह में बोलते कहा कि यदि अगर संघ उन्हें किसी भी सहायता या किसी भी काम के लिए बुलासा है तो वो वापस संघ में जाने के लिए तैयार हैं।
न्यायमूर्ती चित्त रंजन दास (Justic Chitta Ranjan Das) ने कहा कि “कुछ लोगों को भले ही नापसंद हो लेकिन, मैं ये स्वीकार करता हूं कि मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सदस्य था और हूं।” उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में 14 वर्षों से अधिक समय तक कार्य करने के बाद पद छोड़ने के बाद न्यायमूर्ति दास ने ये बात कही है।
RSS से संबंधित और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।
रिटायर्ड न्यायाधीश ने कहा कि “संघ का मुझ पर बहुत एहसान है… मैं बचपन से लेकर युवावस्था तक वहां रहा हूं।” उन्होंने कहा, “मैंने साहसी, ईमानदार होना और दूसरों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना और सबसे ऊपर देशभक्ति की भावना और काम के प्रति प्रतिबद्धता रखना संघ से ही सीखी है।”
न्यायमूर्ति दास ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यों की वजह से संघ से लगभग 37 वर्षों तक दूरी बनाए रखी थी। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी संघ की सदस्यता का इस्तेमाल अपने करियर में उन्नति के लिए नहीं किया क्योंकि यह इसके सिद्धांतों के खिलाफ है।” न्यायमूर्ति दास ने यह भी कहा कि उन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया, चाहे वह अमीर हो या गरीब, चाहे वह कम्युनिस्ट हो या भाजपा, कांग्रेस या टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) से हो।
हाल ही में रिटायर हुए न्यायाधीश चित्त रंजन दास ने कहा कि “मेरे सामने सभी समान हैं, मैं किसी के लिए या किसी विशेष राजनीतिक दर्शन या तंत्र के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं रखता हूं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने सहानुभूति के सिद्धांतों पर न्याय देने की कोशिश की और “न्याय करने के लिए कानून को झुकाया जा सकता है।” लेकिन न्याय को कानून के अनुकूल नहीं बनाया जा सकता।” उन्होंने यह भी कि अगर वे उन्हें किसी सहायता या किसी आवश्यक काम के लिए बुलाते हैं जिसे वह करने में सक्षम हैं तो वह “संगठन में वापस जाने के लिए तैयार हैं”। उन्होंने कहा, “चूंकि मैंने अपने जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए मुझमें यह कहने का साहस है कि मैं संगठन से जुड़ा हूं, क्योंकि यह भी गलत नहीं है।”
1962 में ओडिशा के सोनपुर में जन्मे दास ने अपनी स्कूली शिक्षा उलुंडा में की और उच्च शिक्षा ढेंकनाल और भुवनेश्वर में पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1985 में कटक में कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। फिर उन्होंने 1986 में एक वकील के रूप में अपने कॅरियर की शुरूआत की और 1992 में उन्हें राज्य सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया जिस पद पर वो 1994 तक रहे। वो फरवरी 1999 में सीधी भर्ती के रूप में उड़ीसा सुपीरियर न्यायिक सेवा (वरिष्ठ शाखा) में शामिल हुए। उन्हें अक्टूबर 2009 में उड़ीसा HC के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। दास को 20 जून 2022 को स्थानांतरण करके कलकत्ता HC के न्यायाधीश के रूप में पदस्थापित किया गया।
यह भी पढ़ें : RSS संघ शिक्षा वर्ग करना हुआ बेहद आसान! अब सिर्फ इतने दिनों का होगा Sangh Shiksha Varg
Jaipur News ePaper में पढ़ें ताजा खबरें
आप जयपुर की ताजा खबरें Jaipur News ePaper पर क्लिक करके अपने मोबाइल फोन पर ही कहीं भी और किसी भी समय पढ़ सकते हैं। जयपुर ई-पेपर पर आप जयपुर की ताजा खबरें व राजस्थान की ताजा खबरें पढ़कर अपने आपको हर कैटेगरी की लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रख सकते हैं।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…