जयपुर। सचिन पायलट अब अशोक गहलोत सरकार ज्यादा आक्रामक होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने मेहनत करने में और खून-पसीना बहाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। पदयात्रा में मेरे साथ जो हज़ारों लोग चले हैं उनकी उम्मीदों को कभी बीच मझधार में नहीं छोडूंगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ और नौजवानों के समर्थन में संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। इसके साथ सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को सबसे भ्रष्ट करार दे डाला ।
मांगे के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम
पायलट खेमे की ओर से जन संघर्ष यात्रा की समापन सभा में 3 मांगे उठाते हुए अपनी ही कांग्रेस पार्टी की गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। आह्वान किया गया है कि 15 दिन में मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो प्रदेश भर में आंदोलन और तेज़ होगा। 3 मांगों में आरपीएससी को भंग कर पुनर्गठन करने, पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार मामले पर कार्रवाई करने और पेपर लीक से प्रभावित छात्रों को आर्थिक मुआवजा देने की मांग रखी गई है।
गहलोत सरकार सबसे भ्रष्ट
आपको बता दें कि पायलट से पहले उनके समर्थन में कई वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी ही सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के खुलकर आरोप लगाए। गुढ़ा ने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। यहां की सरकार कर्नाटक की सरकार के 40 परसेंट भ्रष्टाचार की सीमा को भी लांघ रही है। हमारा अलाइनमेंट खराब है, पायलट साहब ठीक करो। धारीवाल का अलाइनमेंट खराब है, उसे ठीक करो।
जन संघर्ष यात्रा संपन्न
सचिन पायलट की 'जन संघर्ष यात्रा' आज जयपुर में संपन्न हो गई। यात्रा के दौरान पायलट सहित उनके समर्थकों ने अजमेर से जयपुर के बीच 5 दिन की पदयात्रा के 125 किलोमीटर का फासला तय किया। गौरतलब है कि इस पदयात्रा के ज़रिए पायलट अपनी ही कांग्रेस सरकार से कुछ मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। इनमें सरकारी भर्तियों में धांधली-अनियमितता की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के साथ ही पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार मामलों की जांच की भी मांग की जा रही है।
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मांगे मनवाने तक कोई समझौता नहीं
जन संघर्ष पदयात्रा के दौरान सचिन पायलट के तेवर उच्च स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि जब तक वसुंधरा राजे कार्यकाल के भ्रष्टाचार व पेपर लीक मामले का समाधान नहीं हो जाता, तब तक कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि अनुशासन की बात उन लोगों को नहीं करनी चाहिए जो 25 सितंबर की घटना में शामिल थे और दबाव में विधायकों से इस्तीफे लिए गए थे। ये बात उन्होंने सीएम गहलोत के हाल ही में पार्टी के प्रति लॉयल होने की बात के जवाब में पलटवार करते हुए कही।
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