दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेते हुए इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली के अधिकारियों पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के इस अध्यादेश पर लंबी सुनवाई जरूरी है। इसके बाद ही यह तय करना ठीक होगा कि इस अध्यादेश को दिल्ली विधानसभा के दायरे से बाहर कर देना सही है या गलत।
CJI ने कहा- और इंतजार नहीं कर सकते
उपराज्यपाल की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अगर संसद में बिल पेश हो जाए तो उसके बाद इस अध्यादेश के मामले पर विचार करने की जरुरत ही नहीं रहेगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए CJI ने कहा कि हम इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते। दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने संविधान पीठ में जल्द सुनवाई की मांग की है। साथ ही चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि इस बारे में शाम तक आदेश अपलोड हो जाएंगे और सुनवाई की तारीख भी बता दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को दिया था। इस बात पर दिल्ली सरकार केंद्र के विरोध में उतर आई थी और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में CJI चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि हम यह मामला पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…