भारत

Shab-e-Meraj 2024 kab hai: मुसलमानों के लिए क्यों खास है मेराज की रात, नमाज से है क्या कनेक्शन जान लीजिए

Shab-e-Meraj 2024 kab hai: मुसलमानों के त्योहारों की फेहरिस्त में एक नाम शब-ए-मेराज का भी जोड़ लीजिए। रजब महीने की 27वी तारीख को मेराज की रात आती है। हाल ही में कुंडे का त्योहार 22 रजब को मनाया गया था। अब 7 फरवरी 2024 की शाम से यानी 8 फरवरी को शब-ए-मेराज मनाया जाएगा। शब-ए-मेराज 2024 को हज़रत मुहम्मद स. अ. ने मस्जिदे अक़्सा से मेराज़ का सफर किया था इसलिए 27 रजब को शबे मेराज़ (Shab-e-Meraj 2024 kab hai) यानी मेराज की रात के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन सभी मुसलमान इबादत करते हैं और 26 और 27 रजब को रोज़ा भी रखते हैं। साथ ही मेराज की रात का नमाज से क्या कनेक्शन है यह भी हम आपको बताने वाले हैं।

यह भी पढ़ें:Kunde kab hai 2024: कुंडे के त्योहार पर मुस्लिम महिलाएं क्या करती हैं, आज ही जान लो

शब-ए-मेराज 2024 (Shab-e-Meraj 2024 kab hai)

Shab-e-Meraj 07 फरवरी, 2024 की शाम को शुरू होगी। दुनिया भर के मुसलमानों के लिए यह रात ‘द नाइट जर्नी’ के रूप में भी पवित्र स्थान रखती है। इस रात को पैगंबर मोहम्मद साहब ने जमीन से आसमान का सफर किया था। इसीलिए अरबी दुनिया में इसे लैलात अल मिराज (Shab-e-Meraj 2024 kab hai) भी कहा जाता है। पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश और दुनिया के कुछ हिस्सों में 27 रज्जब यानी 8 फरवरी 2024 की रात से ही मेराज की रात को मनाया जाएगा। जबकि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, ओमान और अन्य देश के मुसलमान 7 फरवरी 2024 की रात को Shab-e-Meraj 2024 मनाएंगे।

यह भी पढ़ें:Kunde kab hai 2024: रमजान से पहले आ गया मुसलमानों का यह त्योहार, बहुत कम लोग जानते हैं

नमाज से क्या है कनेक्शन ?

Shab-e-Meraj यानी लैलत अल मिराज जिसे इसरा अल मिराज भी कहा जाता है। एक ऐसी ऐतिहासिक रात जिसका इस्लामी इतिहास में अहम किरदार है। जब आखिरी नबी हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने जमीन से सीधे सातवे आसमान पर मुलाकात के लिए बुलाया था। इस सफर को 2 भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें इसरा और मेराज (Shab-e-Meraj 2024 kab hai)  कहा जाता हैं। यानी मक्का से यरुशलम मस्जिदे अक्सा का सफर इसरा यानी जमीनी सफर है। जबकि मस्जिदे अक्सा से सातवे आसमान तक का सफर मेराज कहलाता है। सातवे आसमान पर अल्लाह से मुलाकात के बाद पैगंबरे इस्लाम को नमाज का तोहफा दिया गया था। इसीलिए मुसलमान इस रात को ज्यादा से ज्यादा नवाफिल नमाजे पढ़कर अल्लाह से गुनाहों की माफी तलब करते हैं।

Morning News India

Recent Posts

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

2 महीना ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

2 महीना ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

2 महीना ago

जयपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा भिड़े अधिकारियों से

Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…

2 महीना ago

No Shop, No Staff, No Investment: Saumic Craft Business Model Explain

Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…

2 महीना ago

सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान! धरातल पर लागू होगा जनजाति समाज का पेसा एक्ट

PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…

2 महीना ago