टीडीएस अर्थात स्रोत पर ही टैक्स कटौती। इसे ना भरने पर अब लगेगी पेनल्टी। टीडीएस काटने के 1 महीने के अंदर सरकार के पास जमा करना होता है। यदि कोई ऐसा नहीं करता तो उसे भारी जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है।
क्या होता है टीडीएस?
टीडीएस स्रोत पर टैक्स कटौती। मान लीजिए आपने किसी बैंक में एफडी करवाई और आय का विवरण ठीक प्रकार से नहीं दिया अथवा आय से अधिक जमा है, तो सरकार उस जमा पूंजी पर वही अपना हिस्सा काट लेगी। टीडीएस अक्सर ब्याज, कमीशन, किराए, या लॉटरी आदि पर लगता है। यह उसी स्थान पर काट लिया जाता है। इसलिए इसे स्रोत पर टैक्स कटौती कहते हैं। इसका पूरा नाम टेक्स् डिटेक्टेड एंड सोर्स है।
जमा कराने की प्रक्रिया
अगर सीए ना हो तो यह काम आप खुद भी कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले इनकम टैक्स की आधिकारिक ई फाइलिंग वेबसाइट पर जाना होगा, incometaxIndia Filling .gov.in पर क्लिक करना होगा। ध्यानपूर्वक फॉर्म को भरने के बाद लेट्स गेट स्टार्टेड पर क्लिक करें, इसके बाद प्रोसेस टू वेरीफाई (proceed to E,-verify) के बटन पर क्लिक करें। इसके बाद ओटीपी के जरिए वेरीफाई करें।
इतना ही नहीं पैन नंबर की मदद से इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉगिन करके रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं। आपके अकाउंट में फॉर्म 26 As डिटेल्स है। यहां जाकर आप देख सकते हैं। कितनी कटौती हुई है?
जमा की तिथि
टीडीएस जिस महीने काटा जाता है ।उससे अगले महीने की 7 तारीख तक इसे जमा कराना होता है। इसका अलग-अलग समय निर्धारण है। जैसे फाइनैंशल ईयर मार्च आखिरी महीना होने पर टीडीएस को 30 अप्रैल तक जमा कराना होता है। वही टीडीएस नहीं भरने पर जुर्माना लगेगा। इस बार टीडीएस (Tax deducted of source) पर जुर्माने की राशि ₹200 प्रतिदिन रखी गई है। तो जल्द ही अपना टीडीएस जमा करवाएं।
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