चुनावों का नाम आते ही हमारे दिमाग में नेताओं और उनकी पार्टियों की छवि बनने लगती है। जितना मुश्किल जनता के लिए अपनी सरकार चुनना होता है उतना ही मुश्किल नेताओं के लिए जनता के दिल में अपनी जगह बनाना होता है। चुनाव प्रचार में दिन-रात एक कर देते है। अपनी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए उन्हें क्या कुछ नहीं करना पड़ता। चुनाव होने के पहले से लेकर परिणामों तक नेताओं का बीपी बढ़ा रहता है। ऐसी ही कई सारी बातें है जो जिनका सामना नेताओं को करना पड़ता है। तो आज आपको कर्नाटक चुनावों के जरिए यहां बता रहे है कि नेताओं को चुनावी नावं की मझधार में कैसे गुजरना पड़ता है।
पक्ष-विपक्ष की तकरार
जब भी चुनाव आने वाले होते हैं तो सबसे पहले सियासी हलचल शुरु होती है। जगह-जगह पार्टी के प्रचार के समय नेताओं द्वारा दिए बयान चर्चा का विषय बन जाते हैं। जमकर एक-दूसरे पर निशाना साधा जाता है। आरोप-प्रत्यारोपों की झड़ी लग जाती है। कई बार नेताओं को भी नहीं पता होता है कि उनका बोला गया एक शब्द उन पर ही भारी पड़ गया। उसका नुकसान पूरी पार्टी को भुगतना पड़ जाता है। हाल ही की बात करें तो राहुल गांधी का विदेश में दिया गया बयान उनकी संसद की सदस्यता तक खा गया।
रैलियां और जनसभाएं
पार्टी को अपना प्रचार करने के लिए कई महीनों पहले तैयारी शुरु करनी पड़ती है। चुनाव वाले उस एक दिन पर अपना कब्जा करने के लिए कई रैलियां और जनसभा करनी पड़ती है। इस दौरान चाहे गर्मी हो या सर्दी, बारिश हो या धूप कुछ नजर नहीं आता। उनके सामने सिर्फ एक ही लक्ष्य होता है पार्टी को सत्ता में लाना। चुनावी रैलियों के दौरान कई बार ऐसे हादसे हो जाते है जिसके बारे में उम्मीद भी नहीं होती। नेता अपनी जिंदगी की रिस्क लेकर ये सब करते हैं। कई बार प्रधानमंत्री मोदी को भी ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ा। पिछले साल पंजाब में पीएम मोदी के काफिले को रुकवाकर जनता ने हमला कर दिया। उनका वहां से निकलना मुश्किल हो गया था। जैसे तैसे वहां से निकलकर राहत की सांस ली।
जनलुभावनी स्कीमें
सरकारों को जनता के दिल में जगह बनाने के लिए कई लुभावनी स्कीमें देनी पड़ती है। हालांकि कई बार चुनावों में ऐसी घोषणाएं भी कर दी जाती है जो बाद में पूरी नहीं होती। फिर भी जनता को आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। अगर अभी की बात करें तो सीएम गहलोत ने राजस्थान में महंगाई राहत कैपं के जरिए कई सारी सुविधाएं जनता को उपलब्ध कराई है। इनमें उज्ज्वला गैस कनेक्शन के तहत 500 रुपए में सिलेंडर, घरेलू बिजली पर 100 यूनिट फ्री, मुफ्त फूड पैकेट जैसी कई सारी सुविधाएं देने की घोषणा की है।
हाल ही में हुए कर्नाटक चुनावों का आज परिणाम कुछ ही देर में आने वाला है। चुनाव होने के बाद परिणाम आने तक सभी नेताओं का बीपी बढ़ा हुआ रहता है। भाजपा-कांग्रेस के टक्कर के मुकाबले में दोनों पार्टी के नेता मंदिरों में जाकर प्रार्थान कर रहे हैं। इसी बीच जेडीएस की एंट्री ने भी इन दोनों पार्टियों के सिर में दर्द किया हुआ है।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…