कहते हैं भगवान हर किसी के लिए कुछ न कुछ ऐसा सोचकर रखता है, जो उसे समय आने पर ही पता चलता है। ऐसे ही हैं बिजनौर के उदयवीर। बचपन में ही अपने दोनों हाथों को चारा मशीन में खोने के कारण वे आम जिंदगी नहीं जी पाए। लेकिन उनके हौसले और हिम्मत के आगे ये कमी भी हार गई।
दोनों हाथ कटे होने के बाद भी उदयवीर खेती करते हैं, ट्रैक्टर चलाते हैं, साइकिल चलाते हैं। यही नहीं सबसे बड़ी बात वे अपने इलाके में एक स्कूल भी चलाते हैं और वहां पढ़ाते भी हैं।
11 साल की उम्र में कटे थे दोनों हाथ
महज 11 साल की छोटी उम्र में उदयवीर के दोनों हाथ चारा काटने वाली मशीन में चारा काटते हुए कट गए थे। इसके बाद वे दूसरों पर आश्रित होने के बजाय दूसरों के लिए मिसाल बन गए। न सिर्फ अपनी पढ़ाई की उसके साथ में परिवार का सहारा भी बने। बच्चों की शिक्षा और बेहतर करने के इरादे से ही उन्होंने 8 वीं तक का स्कूल भी इलाकों में खोल रखा है। वर्धमान डिग्री काॅलेज से बीए की डिग्री भी प्राप्त की।
मास्टर साब का मास्टर चंदन
शिक्षा का दामन न छोड़ने वाले उदयवीर ने हर परेशानी को पार कर अपनी शिक्षा पूरी की। कोई भी बच्चा किसी परेशानी से अपनी शिक्षा अधूरी न छोड़े यही सोचते हुए मास्टर चंदन सिंह विद्या मंदिर की नींव रखी। आठवीं तक चलने वाले इस स्कूल में वे बच्चों को स्वयं पढ़ाते हैं।
Hindi Diwas : जयपुर। हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल…
रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…
blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…
IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…