Categories: भारत

पानी पर चलना कोई चमत्कार नहीं एक  योग है

जीवित शरीर की सांसो को नियंत्रित करके उसे मृत्यु के समीप ले जाने का ये मात्र एक प्रयोग है। हम सब बहुत वर्षो से ये सुनते आ रहे है कि अमुक साधू या योगी या ऋषि के पास ऐसी एक विद्या थी कि वो पैदल ही किसी नदी को पार कर लेते थे या पानी पर बडी सहजता से चल लेते थे । आजकल मां नर्मदाजी के ऊपर अपने पैरोंसे चलती एक वृद्ध माता का वीडियो सोशल मीडिया मे खूब वायरल भी है।

मेरे चिंतन के हिसाब से ये कोई चमत्कार नहीं योग मे प्रवीणता का एक प्रमाण मात्र है। हम सब जानते है कि जीवित शरीर पानी मे डूब जाता है। इसके विपरीत यदि शरीर मे जीवन के लक्षण विद्यमान नहीं है तो वही शरीर पानी के ऊपर तैरता नजर आता है।

अब सोचने का विषय यह है कि उस शरीर मे से ऐसा क्या निकल गया या ऐसा कौन सा भार उस मृत शरीर मे से कम हो गया कि जो शरीर जीवित रहने पर डूब रहा था वही अब पानी पर सहजता से तैर रहा है। तो भार मे इस कमी की ओर यदि हम अपना ध्यान केंद्रित करें तो वो और कुछ भी नहीं प्राणवायु ही है जो जीवित रहते तो शरीर मे थी पर मरणोपरांत अब शरीर मे नहीं है। 

योग की एक विधि मे सांसो को नियंत्रित करके उस स्तर पर किसी जीवित शरीर को ले जाया जा सकता है। जहां शरीर को इतना हल्का बना लिया जाए कि वो बिना गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होकर सहजता से ठीक उसी तरह पानी पर भी चल सके जैसे ठोस धरती पर चलता है।

हवन, कुंड निर्माण की शास्त्रीय विधि क्या है?

वो जो हनुमान जी महाराज के  समुद्रलांघने की कथा है वो निरर्थक और कोरी कल्पना मात्र ही नहीं है। योग के माध्यम से ऐसा निसंदेह संभव है। जहां शरीर को इस योग्य बनाया जा सके कि उससे समुद्र भी लांघा जा सके और पलक झपकते ही धरती से सूर्य तक की दूरी भी तय की जा सके क्योंकि हमे याद रखना होगा कि शरीर गतिमान होता है मन से जबकि मन की गति को नियंत्रित किया जा सकता है सांसो से और सांसो पर पूर्ण नियंत्रण के विधान का नाम ही तो योग है।

और फिर हनुमान जी महाराज तो आठोसिद्ध और नवोनिधि के न सिर्फ ज्ञाता है अपितु आचार्य भी है। उस दिव्य ज्ञान को प्रदान करने वाले भी है तो उनके लिए तो कुछ भी असंभव कहां।इसीलिए गोस्वामी जी महाराज जहां ये लिखते है कि

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ,
बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

तो इस बात की घोषणा करने से कदापि नहीं चूकते कि

और देवता चित्त ना धरई ,
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

क्योकि उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं और ऐसा कुछ भी नहीं जो उनकी भक्ति से प्राप्त न किया जा सकता हो। सनातन, कोई धर्म नहीं बल्कि विशुद्ध एक विज्ञान है। जहां शोध स्थूल पदार्थों पर नहीं बल्कि सूक्ष्म ऊर्जाओ पर किए जाते है।

Morning News India

Recent Posts

Hindi Diwas : हिंदी हमारी धरोहर, हमारा स्वाभिमान…

Hindi Diwas : जयपुर। हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल…

3 days ago

Rawat Public School प्रताप नगर के विद्यार्थी सी बी एस ई वेस्ट जोन योगासन में चैंपियन

रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…

1 month ago

झोटवाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र

blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…

2 months ago

जयपुर का युवा बना रहा है भारत के सबसे वैज्ञानिक बेबी टॉय ब्रांड – LiLLBUD

IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…

3 months ago

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

5 months ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

5 months ago