Waqf Amendment Bill आज भारतीय संसद में पेश कर दिया गया है। इसका कांग्रेस और सपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है। हालांकि, मोदी सरकार के मुताबिक इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाकर उसका बेहतर और पारदर्शी तरीके से प्रबंधन किया जा रहा है। सरकार की तरफ से इसें संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने की सिफारिश की गई है।
Waqf Amendment Bill के बारे में जानने से पहले हम यहा जान लेते हें कि आखिर वक्फ होता क्या है। दरअसल, वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है, जिसें इस्लाम धर्मा मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। दान की हुई इस संपत्ति की कोई मालिक नहीं होता है सिर्फ अल्लाह होता है। हालांकि उसें संचालित करने के लिए कुछ संस्थान होते हैं।
Waqf Amendment Bill से पहले यह भी जानना आवश्यक है कि वक्फ किया कैसे जाता है। दरअसल, वक्त करने के कई तरीके तरीके होते हैं। जैसे- यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक मकान हैं और वो एक को वक्फ करना चाहता है तो वो अपनी वसीयत में एक मकान को वक्फ के लिए दान लिख सकता है। इसके बाद जब उस व्यक्ति की मौत होने के बाद उस संपत्ति को उसका परिवार इस्तेमाल नहीं करेगा। उसको वक्फ की संपत्ति का संचालन करने वाली संस्था सामाजिक कार्य में यूज करेगी। इस प्रकार से शेयर, घर, मकान, किताब, कैश आदि वक्फ किए जा सकते हैं। 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की किसी भी संपत्ति को वक्फ कर सकता है।
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Waqf Amendment Bill वक्त संपत्ति के संचालन को लेकर ही लाया गया है। दरअसल, वक्फ की गई संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड बनाए जाते हैं जो स्थानीय और राज्य स्तर पर होते हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में शिया और सुन्नियों के अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं। इन वक्फ संपत्तियों का राज्य स्तर पर बने वक्फ बोर्ड संचालन करते हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर सेंट्रल वक्फ काउंसिल राज्यों के वक्फ बोर्ड को दिशानिर्देश देती है। पूरे देश में जो भी कब्रिस्तान हैं वो वक्फ भूमि का हिस्सा हैं। इन सभी कब्रिस्तानों की देखभाल भी वक्फ ही करते हैं। भारत में करीब 30 स्थापित संगठन हैं जो राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों वक्फ की संपत्तियों का संचालन करते हैं। भारत में 30 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें से अधिकतर के मुख्यालय राज्यों की राजधानियों में हैं। ये सभी वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम 1995 के तहत काम करते हैं।ये वक्फ बोर्ड मुसलमानों के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन से जुड़े हुए हैं जो मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों आदि की मदद करने के साथ ही स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, डिस्पेंसरी और मुसाफिरखानों की भी सहायता करते है।
भारत की आजादी के बाद 1954 वक्फ की संपत्ति और उसके रखरखाव के लिए वक्फ एक्ट -1954 बनाया गया। इसके बाद 1995 में Waqf Amendment Bill लाकर इसमें कुछ बदलाव किए गए। इसके बाद फिर साल 2013 में इस एक्ट में कुछ और संशोधन किए गए जिनके अनुसार राज्य वक्फ बोर्ड एक सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति करता है जो वक्फ की सभी संपत्तियों का लेखा-जोखा रखता है। कमिश्नर ही गवाहों को बुलाने, किसी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा करता है। सर्वे कमिश्नर का बाकायदा एक कार्यालय होता है जिसमें कई सर्वेयर होते हैं जो यह कार्य करते हैं। हालांकि, स्थानीय स्तर पर मुतवल्ली वक्फ की संपत्ति की देखभाल करते हैं जिनकी नियुक्ति राज्य वक्फ बोर्ड करता है।
भारतीय वक्फ परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली के मुताबिक भारत में वक्त की कुल 3,56,047 संपत्तियां हैं जिनमें अचल संपत्तियों की कुल संख्या 8,72,324 और चल संपत्तियां 16,713 है। वहीं, डिजिटल रिकॉर्ड्स 3,29,995 हैं।
अब केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में Waqf Amendment Bill 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 पेश किया है। इसमें 40 से अधिक संशोधनों के साथ वक्फ (संशोधन) विधेयक में मौजूदा वक्फ अधिनियम में कई भागों को खत्म करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही इस अधिनियम में केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है। वहीं, वक्फ की कमेटियों में किसी भी धर्म के लोग सदस्य बनने का प्रावधान भी है।
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