Zibah Karne ka Tarika : ईद उल अजहा का त्योहार नजदीक है। 17 जून (Eid ul Adha Date 2024) को भारत में तथा 16 जून को खाड़ी देशों (Eid ul Adha Gulf 2024) में ईद उल अजहा मनाई जाएगी। ईद उल अजहा के मौके पर जानवर की कुर्बानी दी जाती है। इस्लाम में जानवर को जिबह करने का एक तरीका है जिसे हलाल तरीका कहते हैं। हम आपको जानवर जिबह करने का वही इस्लामी सुन्नत तरीका (Zibah Karne ka Tarika) बता रहे हैं ताकि आप कुर्बानी का मजीद सवाब हासिल कर सके। आप सबको ईद अल अजहा (Bakrid News 2024) की तहे दिल से मुबारकबाद। अल्लाह हम सबको अपनी सबसे प्यारी चीज अल्लाह की राह में कुर्बान करने की तौफीक़ नसीब फरमाएं। आमीन सुम्माआमीन
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सबसे पहले जिबह करने वाला यानी आप या फिर जो मौलाना साहब ज़िबह करेंगे उनका रुख किब्ले यानी पश्चिम की तरफ होना चाहिए। साथ ही ज़िबह होने वाला जानवर का रुख (Zibah Karne ka Tarika) भी किब्ले यानी मक्का की तरफ होना चाहिए। कुर्बानी की दुआ पढ़कर जानवर की सांस की नली पर छुरी चलाई जाए। जानवर के साथ कोई जोर जबरदस्ती न की जाए। शरीर ठंडा होने के बाद ही खाल उतारनी चाहिए। वरना जानवर को मजीद तकलीफ होती हैं। जो कसाई और खटीक बंधु जल्दबाजी में गर्म शरीर से खाल उतारते हैं तो उनसे गुजारिश है कि ये इस्लामी तौर पर गलत है।
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हालांकि कुर्बानी के दौरान कोई गलती हो जाए तो कोई बात नहीं। अल्लाह नीयत को बेहतर जानता है। आपकी कुर्बानी अल्लाह (Qurbani Ke Masail Hindi) ने कुबूल की है या नहीं की है ये केवल अल्लाह ही जानता है। लेकिन दिल में नीयत रखें कि अल्लाह ने कुबूल कर ली है।
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इन्नी वज्जहतु यलल्ल्जी फत रससमावती वल अरद हनिफव व मा अना मिनल मुशरिकिन इन्नास सलाती व नुसुकी व महया य व म माती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, ला शरीका लहू व बिजालिक उमिरतु व अना मिनल मुस्लिमीन अल्लाहुम्मा मिनक व लाक बिस्मिल्लाही अल्लाहु अकबर
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