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Rajasthan by-election : चुनाव में भाजपा के साथ बड़ा धोखा, अब होगी इन जिलाध्यक्षों की छुट्टी!

Rajasthan by-election : जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा अपने जिलाध्यक्षों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। यह सभी जिलाध्यक्षों पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी खासा नाराज है और अब इनकी छुट्टी करने की तैयारी चल रही है। अब इन जिलाध्यक्षों को पद से हटाकर नए जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। तो चलिए इस मामले को विस्तार से जानते है।

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राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव खत्म हो गए है। मतदान के बाद सियासत भी शांत हो गई है, जहां सभी पार्टियां पूरी ताकत से पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में कर रही है। भाजपा और कांग्रेस के नेता और सभी कार्यकर्ताओं ने जी-जान लगाकर चुनाव अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने के लिए काम किया। लेकिन इसी बीच कुछ नेता ऐसे भी थे, जिन्होंने पार्टी के प्रत्याशी को जिताने में ज्यादा रुची नहीं दिखाई। ऐसे में अब पार्टी उनपर कार्रवाई करने की तैयारी में है, अब भाजपा ने तो अपने कई जिलाध्यक्षों पर एक्शन की तैयारी कर रही है, पार्टी के सदस्यता अभियान में भी जिलाध्यक्षों द्वारा लापरवाही बरतने की बात सामने आ रही है। अब पार्टी एक्शन की कर रही है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी कई जिलाध्यक्षों पर कार्रवाई की तैयारी में है। ऐसे में अब भाजपा के कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी होने जा रही है।

दरअसल राजस्थान में भाजपा सदस्यता अभियान की धीमी गति को लेकर भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने नाराजगी जाहीर की है, भाजपा कार्यालय में बैठक में अग्रवाल ने कहा कि जब आपको टारगेट और निर्धारित समय की जानकारी थी तो फिर सदस्य क्यों नहीं बनाए गए। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्षों का ईमानदारी के साथ मूल्यांकन होना चाहिए, जो जिलाध्यक्ष लक्ष्य को पाने में सफल होंगे, उन्हें पुरस्कृत करेंगे। जो सफल नहीं होंगे, उन्हें आराम भी कराया जा सकता है। 15 दिन बाद फिर से बैठेंगे और फैसला करेंगे। बैठक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की अध्यक्षता में हुई। प्रभारी अग्रवाल ने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। बैठक में तय किया गया कि 50 सदस्य बनाने वाले भी सक्रिय सदस्य बन सकेंगे। पहले सक्रिय सदस्य के लिए सौ सदस्य बनाने की अनिवार्यता थी…..प्रभारी अग्रवाल ने जिलाध्यक्षों से कहा कि बूथ और मंडल अध्यक्ष के चुनाव में किसी के दबाव में नहीं आना है। काम पारदर्शी सिस्टम से ही होगा। सीएम का भी फोन आ जाए तो उन्हें भी मना कर देना। भाजपा के प्रभारी को ऐसा बोलने की नौबत तब आई है, जब चुनाव से पहले ही भाजपा का सदस्याता अभियान ढीला पड़ गया है, भाजपा के जिला अध्यक्ष भाजपा सदस्य नहीं बना पाए है, अब क्या वजह थी। वह तो नहीं पता लेकिन भाजपा इस मामले में फेल हो गई है और अब ठिकरा जिलाध्यक्षों पर फूटा है….अब कौन-कौन से जिलाध्यक्षों का पद जाएगा….वह तो आने वक्त में ही पता चल पाएगा।

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Mukesh Kumar

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