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Rajendra Bhamboo ने ढहाया ओला परिवार का गढ़, अमित ओला को 42,848 वोटों से हराया

Jhunjhunu by-election : झुंझुनूं। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर राजेंद्र भांबू ने 28 साल पुराना रिकॉड़ तोड़ते हुए कमल खिला दिया है। कांग्रेस परंपरागत सीट मानी जाने वाली झ़ुंझुनूं सीट पर पिछले 50 सालों से ओला परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार राजेंद्र भांबू ने ओला परिवार के साथ खेला कर दिया और इसमें निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने भी ओला परिवार की पीठ में छुरा घोपने का काम किया है, आइए जानते हैं झुंझुनूं सीट पर किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले?

झुंझुनूं कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। इस सीट पर अब तक हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी दो बार ही जीती है। उप चुनाव केवल एकबार 1996 में हुए, तब भाजपा के मूलसिंह शेखावत ने जीत हासिल की थी। शेखावत ने बृजेंद्र ओला को हराया था। लेकिन 2024 में हुए उप चुनाव में भाजपा के राजेंद्र भांबू ने ओला परिवार की मिट्‌टी पलित कर दी। वहीं राजेंद्र भांबू की जीत में निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा ने भी अहम भूमिका निभाई है।

झुंझुनूं जब उप चुनाव को लेकर टिकट वितरण किया गया था तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस एक बार फिर से जीत जाएगी। लेकिन भाजपा ने एक बाद एक झुंझुनूं में ताबड़तोड़ प्रचार-प्रसार करते हुए झुंझुनूं की जनता को अपने पक्ष में पलट लिया। वहीं कांग्रेस झुंझुनूं में ओला परिवार के प्रमोशन के भरोसे ही रही है। कांग्रेस को झुंझुनूं में ओला परिवार पर ज्यादा भरोसा जताने का खामियाजा उठाना पड़ा और भाजपा के राजेंद्र भांबू ने बड़ा खेल कर दिया।

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बता दें कि झुंझुनूं से उपचुनाव में खड़े हुए निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र गुढ़ा ने ओला परिवार के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया कि मुस्लिम वोटों को एक तरफा कर दिया। दरअसल, झुंझुनूं में लगातार ओला परिवार को टिकट मिलने से मुस्लिम समाज नाराज चल रहा था और इसी का फायदा राजेंद्र भांबू को मिला है। झुंझुनूं सीट से राजेंद्र भांबू ने 40 हजार वोटों ये चुनाव जीता। वहीं दूसरे स्थान पर अमित ओला ओर तीसरे स्थान पर राजेंद्र गुढ़ा रहे।

कुल मिलाकर झुंझुनूं में भाजपा के राजेंद्र भांबू का जादू चला और कांग्रेस ने अपनी परंपरागत सीट खो दी। वहीं राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कांग्रेस को दिखा दिया कि एक मंत्री को चलती सरकार के बीच बाहर निकालना कितना भारी पड़ सकता है। बता दें कि लाल डायरी विवाद में भले ही राजेंद्र गुढ़ा ज्यादा कुछ नहीं कर पाएं लेकिन उप चुनाव में कांग्रेस को दिखा दिया कि गुढ़ा में कितना दम है।

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Mukesh Kumar

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