जयपुर : Rajasthan Assembly News : राजस्थान में 3 जुलाई से विधानसभा सत्र चल रहा है जिसमें भजनलाल सरकार को विपक्ष द्वारा जमकर घेरा जा रहा है। इसके चलते कई बार सदन में हंगामा भी हुआ जिससें कार्रवाई भी स्थगित हुई। लेकिन, अब भाजपा सरकार को अपने ही विधायकों से खतरा होने लगा है। क्योंकि भाजपा विधायक ही अपनी सरकार को घर रहे हैं। ऐसे में ये विधायक अपनी भूमिका विपक्ष के रूप में दर्शा रहे हैं। इसी बात को लेकर राजनीति में भूचाल आया हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन हैं वो विधायक जो भजनलाल सरकार (Bhajanlal Govt) पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
पिछले गुरुवार को विधानसभा में भाजपा विधायक श्री चंद्र कृपलानी ने भी सरकार को घेरते हुए प्रश्न कल के दौरान सरकार से पूछा कि स्कूल और मातृ शिशु केंद्र खोलने के लिए आपका क्या मापदंड है? इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब दिया, जिससें बीजेपी विधायक संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ सरकार जनसंख्या नियंत्रण की बात कर रही और दूसरी तरफ कम जनसंख्या वाले क्षेत्र में शिशु स्वास्थ्य केंद्र नहीं खोल रही हैं। सरकार आखिर क्या चाहती है? हम स्कूल खुलवाना चाहते है, आप कहते हो बच्चों की संख्या इतनी होनी चाहिए, यदि सड़क बनाने जाएं, तो 2000 की जनसंख्या होनी चाहिए, ऐसे में सरकार के मापदंड समझ में नहीं आ रहे हैं।
जयपुर सिविल लाइन सीट बीजेपी एमएलए गोपाल शर्मा ने भी अपनी सरकार को विधानसभा में अपने आक्रमक तेवर दिखाते हुए कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने विधानसभा में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती और मिलावट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री गजेेंद्र सिंह को खूब घेरा। उनके द्वारा पूछे गए सवाल पर मंत्री के जवाब पर विधायक गोपाल शर्मा असंतुुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने यहां तक कह दिया कि मेरे सवाल का जवाब यह नहीं है, मेैंने सीधी सी बात पूछी थी की भर्ती क्यों नहीं हुई? ये 4 शब्द है, इनका जवाब दीजिए। इसके साथ ही जिन लोगों के खिलाफ मिलावट को लेकर मामले दर्ज हुए हैं उनकी सूची प्रस्तुत करें। इसको लेकर मंत्री ने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों के 352 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है।
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भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह भी भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने स्पीकर वासुदेव देवनानी से शिकायत करते हुए कहा कि हम जो प्रस्ताव पढ़ते हैं इसको लेकर 295 में सवाल लगाते हैं, उसका हमें आज तक जवाब नहीं मिला। इतना ही नहीं बल्कि अन्य विधायकों को भी 295 को लेकर जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं। ये सभी विधायकों के मन की पीड़ा है। वो 295 के तहत जवाब दिलवाने की मांग कर चुके हैं। इसको लेकर स्पीकर देवनानी ने सरकार को जवाब देने के लिए आग्रह किया था।
बीजेपी एमएलए केसाराम चौधरी भी अपनी सरकार पर बड़े सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने विधानसभा में पाली क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर सवाल खड़ा किया था जिसको लेकर उन्होंने कहा कि 24 महीने 26 दिन तक उनके क्षेत्र में बिना लीज के खनन कार्य हुआ। इसको लेकर उन्होंने पूछा कि उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इसको लेकर मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि पहले मुझे मूल सवाल का जवाब देने दीजिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि बजरी माफिया के खिलाफ मारपीट के 12 प्रकरण दर्ज हुए हैं। साथ ही अवैध खनन रोकने के लिए एसआईटी भी गठित की गई है जिसकी तरफ से अभियान चलाया जा रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ भी चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह पर हमला बोल चुके हैं। उन्होंने कहा कि ‘मंत्री जी आपने वो ही जवाब पढ़ दिया जो अफसरों ने आपको लिख कर दिया। आपका जवाब बिल्कुल गलत है। आपको बता दें कि सराफ ने गहलोत सरकार के दौरान डायलिसिस मशीनों की खरीद में हुई गड़बड़ियों को लेकर सवाल खड़ा किया था, लेकिन इसके जवाब में चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने गड़बड़ियां होने से मना दिया। इस पर कालीचरण सराफ पर भड़क गए थे।
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