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बम की धमकी या सूचना मिले तो क्या करें और क्या नहीं, पढ़िए काम की बात

जयपुर। Bomb Threat : राजस्थान की राजधानी जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल मोनीलेक व सीके बिरला समेत राजस्थान के 100 से ज्यादा हॉस्पिटल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। यह सूचना मिलने के बाद हड़कंप मच गया। हॉस्पिटलों में बम रखे होने की सूचना अस्पताल प्रशासन को ईमेल के जरिये दी गई। हालांकि, सूचना मिलने के बाद डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता और ATS टीम मौके पर पहुंची और अस्पताल परिसरों में बम की खोजबीन की। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब जयपुर समेत देश के किसी शहर के कोई भी संस्थान में बम रखे होने की सूचना दी गई है। बल्कि इससें पहले भी कई बार ऐसी सूचनाएं दी जा चुकी है जिसके बाद हड़कंप मच चुका है। यदि कहीं भी बम होने की सूचना मिलती है तो उस समय लोगों को सबसे क्या क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है ताकि किसी भी अनहोनी से बचते हुए सुरक्षित रहा जा सके।

यह भी पढ़ें : जयपुर के अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी, मचा हड़कंप; अलर्ट हुआ बम निरोधक दस्ता

संस्थान की Bomb Threat से पहले बचाव की तैयारी

— संस्थान की एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होने चाहिए।
— कम रोशनी वाली पार्किंग लॉट, स्कूल बिल्डिंग से सटे हुए पार्किंग स्पेस और उन जगहों की पहचान हो, जिनकी निगरानी मुश्किल हो।
— संस्थान के परिसर को बाहरी शख्स से बचाने के लिए वायर फेन्सिंग की जाए।
— ऐसी गैरजरूरी चीजों को हटाया जाए, जहां बम छिपाए जा सकते हैं।
— संस्थान में सेंट्रलाइज्ड अलार्म सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाए।
— संस्थान में सीसीटीवी से पूरे स्कूल की निगरानी की जाए।
— संस्थान की बिल्डिंग का लेआउट हमेशा तैयार रहे, ताकि इमरजेंसी में उसे पुलिस, फायर विभाग, एनडीआरएफ समेत किसी भी रेस्क्यू टीम से साझा किया जा सके।
— संस्थान में ऐसे होल्डिंग एरिया की पहचान किया जाए, जहां इमरजेंसी में सभी स्टूडेंट्स को इकट्ठा किया जा सके।
— समय-समय पर लोकल पुलिस के साथ संस्थान प्रशासन को मॉक ड्रिल करनी चाहिए।
— बम की अफवाह फैलाने के लिए फेक कॉल करने पर कानूनी कार्रवाई और सजा के प्रावधानों के बारे में पैरंट्स व स्टाफ को बताना चाहिए।

Bomb Threat मिलने पर ऐसी हो संस्थान की भूमिका

— बम की कॉल या सूचना मिलते ही तुरंत प्रशासन पुलिस को जानकारी दे, पैनिक नहीं हों।
— स्टाफ, स्टूडेंट्स को सुरक्षित एरिया में लाने का प्लान पुलिस से सलाह करके बनाया जाए।
— पूरी तरह से चेक करने के बाद स्टूडेंट्स व स्टाफ को उनके अभिभावकों के पास भेजा जाए।
— जिस स्टाफ को स्कूल व संस्थान की प्रत्येक जानकारी है, उसें पुलिस की मदद के लिए लगाया जाए।
— पैरंट-टीचर मीटिंग या संस्थान में मीटिंग करके बताया जाए कि किसी भी वजह से कोई भी बम की झूठी कॉल करता है तो इस पर लीगल एक्शन के साथ ही अन्य तरह की कई कार्रवाई की जा सकती है।

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Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

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