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Chaitra Navratri 2024 : शेखावाटी के इस प्रसिद्ध मंदिर में बच्चों का मुंडन करवाने से दूर हो जाते हैं सारे दोष

Chatra Navratri 2024 : शेखावाटी यानी सेठों का प्रदेश। शेखावाटी शिक्षाविदों से लेकर सैनिकों की भी धरती मानी जाती है। यहां भक्ति रस की गंगा बहती है तो वीर शोर्य के भी गुणगान गाएं जाते हैं। साथ ही यहां के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में खाटू श्यामजी का मंदिर हर्ष का मंदिर,रींगस का भैरुंजी का मंदिर आदि काफी फेमस है। इसी कड़ी में आता है जीण माता का मंदिर जो कि अपनी खास विशेषता के लिए जाना जाता है।

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मुंडन करवाने की अनोखी परम्परा

सीकर की जीण माता के मंदिर में हर वर्ष चैत्र के महीने में लाखों की संख्या में लोग आते हैं। चैत्र मास में दूर दराज से लोग अपने बच्चों का मुंडन (Chatra Navratri 2024) करवाने आते रहते हैं। मंदिर परिसर में बच्चों की मुंडन संस्कार की प्रथा काफी अर्से चल रही है। मान्यता है कि जिन जोड़ों की गोद माता की कृपा से भर जाती है वो जोड़े यहां अपने बच्चों का मुंडन करवाने जरुर आते हैं। बच्चों के बाल को माता-पिता जमीन में गाड़कर माता से अपने बच्चों की सलामती के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। साथ ही ये भी मान्यता है जो लोग अपने बच्चे के मुंडन यहां नहीं करवाने आते हैं उनसे माता नाराज भी हो जाती है, इसीलिए जिन वंश की कुल देवी जीण माता है वो लोग यहां मुंडन करवाने आते हैं।

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ऐसे हुई देवी के रुप में अवतरित

बताया जाता है कि जीवण का जन्म चौहान परिवार में हुआ था, वो अपने परिवार की लाडली पुत्री हुआ करती थी। जीवण (Chatra Navratri 2024) के भाई का नाम हर्ष था। दोनो भाई बहन बड़ी ही हंसी खुशी से रहते थे। एक बार जीवण का अपनी भाभी के साथ विवाद हो गया था। जिससे वो नाराज होकर पहाड़ों में चली गई। और वहां जाकर तपस्या करने लगी। जीवण ने यहाँ जयंती माताजी की पूजा अर्चना की और। इसी के प्रभाव से जीवण बाद में देवी के रुप में अवतरित हो गई। चैत्र और अश्विन के महीने में साल में दो बार यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। ये मंदिर सीकर में है जहां रोजाना भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

माता देती हर समय भक्तों को दर्शन

सारे देवी देवताओं के मंदिर के कपाट दोपहर आदि में बंद हो जाते हैं। और समय समय के अनुसार ही द्वार खोले जाते हैं। लेकिन जीण माता का ही एक ऐसा मंदिर है जो कि पूरे दिन में कभी नहीं बंद होता है। माता अपने भक्तों को हर समय दर्शन देती है। यहां तक कि ग्रहण के समय पर भी माता अपने भक्तों को दर्शन देती है।

Saya Chouhan

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