Jhunjhunu by-election : झुंझुनूं। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनान को लेकर सभी पार्टियां पूरी ताकत से मैदान में है। इसी बीच भाजपा इस बार कांग्रस को कड़ी टक्कर दे रही है। जहां कांग्रेस का मामला अभी तक ठंड़ा चल रहा है वही भाजपा उम्मीदवारों को लेकर बैठक पर बैठक कर रही है। इसी बीच अब झुंझुनूं विधानसभा सीट (Jhunjhunu by-election) पर भाजपा ने तगड़ा गेम खेला है। भाजपा यहां से ऐसा चेहरा उतार सकती है, जो इस सीट का समीकरण पूरी तरह बदले सकती है। भाजपा के इस गेम से कांग्रेस और बृजेंद्र सिंह ओला की परेशानी बढने वाली है, तो चलिए जानते है आखिर इस सीट पर क्या कुछ होने वाला है?
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भाजपा ने कांग्रेस और ओला परिवार का गढ़ मानी वाली जाट बाहुल्य विधानसभा सीट पर एक तगड़ा गेम खेला है। जहां एक तरफ मुस्लिम सामाज टिकट की मांग कर रहा है वहीं अब दूसरी और भाजपा जाट नेता पर दांव खेलकर जाट वोटर्स को अपनी तरफ मोड सकता है। भाजपा ने उम्मीदवारों का पैनल तक तैयार कर लिया है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हारे बड़े चेहरों पर दांव खेल सकती है। जिसमें झुंझनू (Jhunjhunu by-election) से सतीश पूनियां का नाम सामने आ रहा है। हाल ही में सतीश पूनियां ने हरियाणा चुनाव में पूरा गेम ही बदल दिया है और हारती हुई भाजपा को जीत दिलाई और सरकार भी बनवा दी। जिसके बाद अब हिरयाणा से सटे होने से झुंझुनूं पूनियां को ही मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है। ऐसे में अब यह बीजेपी का बड़ा कदम माना जा रहा है और अगर सतीश पूनियां अगर कोई भी तरीका अपना कर यहां से चुनाव जीत जाते है। तो फिर इस सीट का इतिहास बदल सकता है और कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगने के साथ ही ओला परिवार का गढ़ भी ढ़ह सकता है।
अगर इस सीट पर जातिगत समीकरण की बात करे तो झुंझुनूं सीट (Jhunjhunu by-election) जाट मतदाता बाहुल्य है। इस विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या करीब 60 हजार है। वही दूसरे नंबर मुस्लिम मतदाता हैं, जो करीब 45 हजार बताई जा रही है। इसके बाद तीसरे नंबर पर 40 हजार एससी मतदाता हैं। इसके अलावा लगभग 30 हजार राजपूत मतदाता की भी है। इन जातियों के अलावा यहां माली, एसटी, ब्राह्मण, वैश्य, गुर्जर, कुम्हार आदि का भी जनाधार है। ऐसे में अगर इस सीट से सतीश पूनिया को टिकट मिलती है, तो जाट मतदाताओं को रिझाने में भाजपा सफल हो सकती है। क्योकि इस सीट पर सबसे ज्यादा जाट वोटर्स है और इसके बाद मुस्लिम वोटर्स है। वह पहले ही टीकट की मांग को लेकर नाराज है। ऐसे में अगर गैर जार वोट बैंक कांग्रेस से छिटक गया है, तो कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। लेकिन अब देखना होगा कि सतीश पूनिया को टिकट मिलती है या नहीं। मिलती है तो यहां के जातिगत समीकरण बदलते है या नहीं या फिर कांग्रेस अपनी दबदबा बरकरार रखेगी।
सतीश पूनिया के अलावा यहां से बीजेपी से विशम्भर पूनिया, राजेन्द्र भांबू, निशित चौधरी, बनवारीलाल सैनी, राजीव सिंह, शुभकरण चौधरी और हर्षिणी कुलहरि दावेदारी जता रहे हैं। वही कांग्रेस फिर एक बार ओला परिवार को ही मैदान में उतारना चाहती है। कांग्रेस से अमित ओला, दिनेश सुंडा, एमडी चौपदार के नाम प्रमुख दावेदारों के रूप में सामने आ रहे हैं। इसके अलावा यहां से उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक और गहलोत सरकार में दो बार मंत्री रह चुके राजेन्द्र गुढ़ा भी यहां संभावनाए तलाश रहे हैं। ऐसे में झुंझुनूं में कांग्रेस यहां से कन्फयूंज है। लेकिन अब देखना होगा कि यहां क्या होता है।
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