जयपुर। राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद इस मामले में जमकर सियासत हो रही हैं। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के महिला सुरक्षा मामले पर दिए बयान के बाद गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त भी कर दिया गया हैं। मंत्री गुढ़ा ने इस बयान के बाद अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया हैं। राजेंद्र गुढ़ा जिस प्रकार से लगातार एक के बाद एक बयान दे रहे हैं उसके बाद गहलोत और कांग्रेस तो गुढ़ा से मुक्ति चहाती हैं, लेकिन पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी चहाते हैं कांग्रेस सरकार से बहार आना। यह कहना भी अब गलत नहीं होगा की राजेंद्र गुढ़ा तो अब चहाते हैं कांग्रेस पार्टी से भी निकाल दे। ताकि वह विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज कर सकें।
गुढ़ा निर्दलीय ठोक सकते है ताल
राजेंद्र गुढ़ा तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं। इन तीन चुनाव में से दो चुनाव में राजेद्र गुढ़ा ने जीत भी दर्ज की हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने 2008 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की हैं। और दोनों ही बार गुढ़ा ने बहुजन समाज पार्टी से टिकट लेकर चुनाव लड़ा हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए और गुढ़ा को हार का सामना करना पड़ा। गुढ़ा ने दो बार जीत दर्ज की है और दोनों ही बार मंत्री भी रहे हैं। ऐसे में राजेंद्र गुढ़ा निर्दलीय या फिर किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
राजेंद्र गुढ़ा उदयपुरवाटी विधानसभा से चुनाव जीते हैं। उदयपुरवाटी विधानसभा में जातिगत तथा समीकरण ऐसे है की गुढ़ा भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से चुनाव लड़ने के बजाय किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े तो ही अच्छा हैं। यही कारण है कि चुनाव से ठीक पहले राजेंद्र गुढ़ा ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। राजेंद्र गुढ़ा पर बसपा भरोसा दिखाएगी यह कहना भी मुश्किल हैं क्योकी गुढ़ा ने दो बार चुनाव जीत कर बसपा को छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा हैं।
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