जयपुर। प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने से पहले राजस्थान के कर्मचारियों ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने अपनी मांगों के लिए एक बार फिर से अवाज उठानी शुरू कर दी हैं। महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कर्मचारियों के लिए कई घोषणाए की थी लेकिन साढ़े चार साल हो चुके है आज दिन तक कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया। कर्मचारियों की एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया हैं। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने चेतावनी देते हुए कहा सरकार अपने वादों को पूरा करें नहीं तो यह वही कर्मचारी है जिन्होने कई सरकारों के राज बदले दिए हैं।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत की ओर से अपनी मांगो को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किया गया हैं। प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि एकीकृत महासंघ पिछले साढ़े 4 वर्षों से कर्मचारियों की मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करता हुआ आया है। इसको लेकर कई बार ज्ञापन भी सौंपे गए। हमारी मुख्य मांगे सामंत कमेटी एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को उजागर किया जाए। मंत्रालय कर्मचारियों के पद एवं वेतन भत्ते सचिवालय पैटर्न के अनुसार किया जाएं। राजकीय मुद्रणालय को आधुनिकरण कर नए पद सृजित किए जाएं। राजस्व मंडल विघटन बंद हो। रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार का दर्जा दिया जाए सहित 21 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम कई बार सौंपा गया है।
राठौड़ ने कहा 3 नवंबर 2017 को डीसी सामंत की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था। जिसकी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को सौंप दी गई। उसके पश्चात 2021 में खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। जिसकी रिपोर्ट 2022 में राज्य सरकार को सौंप दी गई। दोनों ही रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। कर्मचारियों की मांगे आज भी अधूरी हैं।
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