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रोचक हुई नागौर की सियासी जंग,कांग्रेस की पूर्व सांसद मिर्धा अब बीजेपी की तरफ से करेंगी खेला!

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को जारी की गई बीजेपी के 83 उम्मीदवारों की लिस्ट में नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा का नाम आने के बाद कई राजनीतिक दलों के सियासी समीकरण पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। ज्योति मिर्धा ने हाल ही में कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी ज्वाइन की थी। BJP में शामिल होने और टिकट मिलने के बाद राजनीतिक नफे-नुकसान को लेकर भी कयासबाजी तेज हो गई।

 

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आरएलपी सुप्रीमों हनुमान बेनीवाल के साथ उनकी सीधी टक्कर है। इस बार नागौर विधानसभा सीट पर रौचक मुकाबला देखने को मिलेगा। हालांकि जनता का रूख इस बार बीजेपी के साथ है,और इसका फायदा ज्योति मिर्धा को मिलेगा। लोगों में इस बात की नाराजगी है कि हनुमान बेनीवाल जनता का कोई काम नही करवा पाए।

 

मिर्धा का राजनीति सफर

 

ज्योति मिर्धा के राजनीति सफर की बात करें तो पेशे से डॉक्टर ज्योति मिर्धा कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। नाथूराम मिर्धा की कांग्रेस और राज्य की राजनीति में अच्छी पकड़ थी। वह सांसद और विधायक रहे। मिर्धा परिवार दशकों तक मारवाड़ की राजनीति की धुरी भी रहा है। उनके पिता का नाम राम प्रकाश मिर्धा और माता का नाम वीणा मिर्धा है। ज्योति मिर्धा की शादी नरेंद्र गहलोत से हुई है और उनके एक बेटा है। हरियाणा के हुड्डा परिवार में भी उनकी रिश्तेदारी रही है।  ज्योति मिर्धा कांग्रेस के टिकट पर नागौर से साल 2009 में लोकसभा सांसद रही थी। हालांकि, साल 2009 में चुनाव जीतने के बाद से साल 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव हार गई थी। कांग्रेस ने लगातार तीन बार ज्योति मिर्धा को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया। तब उनके समर्थन में यह नारा भी चलाया गया, ‘बाबा की पोती है, नागौर की ज्योति है।’ मगर इस नारे का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा।

 

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के हनुमान बेनीवाल के सामने ज्योति मिर्धा को फिर हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में हाल में ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया और अब नागौर से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। नागौर जाट बहुल इलाका है। पिछले कुछ वर्षों में इस इलाके में RLP ने अपनी पकड़ बनाने की काफी कोशिश की है। BJP में जाने के बाद ज्योति हनुमान बेनीवाल को यह कहते हुए चुनौती दे रही हैं कि पिछली बार वह BJP के समर्थन से जीते थे, इस बार अपने अकेले के दम पर जीत कर दिखाएं।

 

नागौर जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं। इस बार आरपीएल के हनुमान बेनीवाल इन सीटों पर बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी करने में लगे हुए है। लेकिन, ज्योति मिर्धा को टिकट देने के बाद अब यह माना जा रहा है कि बीजेपी को 10 में से 7 सीटों पर फायदा होगा। वहीं, कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है और नागौर, डेगाना, खींवसर, लाडनूं व मकराना विधानसभा सीट पर बड़ा असर पड़ सकता है।

Suraksha Rajora

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