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Hanuman Beniwal और Congress में चूहे बिल्ली की लड़ाई, खींवसर उपचुनाव में BJP चाटेगी मलाई

Hanuman Beniwal News : जयपुर। राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है। इन सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इन चुनावी तारीखों को लेकर घोषणा हो गए है। अब ऐसे में ये देखना काफी दिलचस्प हो गया है की आखिरकार खींवसर से कौन उपचुनाव जीतेगा। इस सीट पर RLP किसपर दांव खेलेगी जो जिताऊ साबित हो सके।

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7 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव

बता दें कि झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर चौरासी, सलूंबर, रामगढ़ ये वो 7 सीटें है, जिनपर उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें से 5 सीटें विधायकों के सांसद बनने से खाली हो गई थी तो वहीं 2 सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हुई थी। ऐसे में हनुमान बेनिवाल (Hanuman Beniwal) के गढ़ कहे जाने वाली और राजस्थान में चर्चित व हॉट सीटों में शुमार नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। बता दें आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल सांसद चुने जाने के बाद उनके इस्तीफे से यह सीट खाली हो गई थी। ऐसे में अब ये एक चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकी आरएलपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, वो इस सीट से किसे उम्मीवार बनाएंगे ये अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

RLP- कांग्रेस की लड़ाई का फायदा उठायेगी भाजपा

देखने की बात यह दिलचस्प है कि बेनीवाल (Hanuman Beniwal) अपने भाई और पत्नी में से किसी को टिकट देते हैं या फिर कोई तीसरे को मौका मिलता है या नहीं। उसी के साथ ये भी देखना काफी दिलचस्प हो गया है की क्या हनुमान बेनिवाल जो डंके की चोट पर कह रहै है की वो अब कांग्रेस के साथ गठबंधन नही करंगे, तो क्या ये उनकी पार्टी के लिए फायदेमंद रहेगा या फिर RLP- कांग्रेस की इस लड़ाई का फायद भाजपा उठा लेगी। ये कुछ सवाल है जो ना केवल नागौर बलकी पूरे राजस्थान के राजनीतिक एक्सपर्ट की जुबां पर हैं। उसी के साथ आपको बताते चले की खींवसर से हनुमान बेनिवाल अपने परिवार के नारायण बेनीवाल/कनिका बेनीवाल/मोहिनी बेनीवाल या फिर ओमप्रकाश सहारण जो की RLP कार्यकर्ता है और सुरेंद्र दौतड जो युवा नेता है उन पर दाव लगा सकते है और उनहे टिकट दे सकते है।

खींवसर से लगातार 4 बार जीत चुके हैं हनुमान बेनीवाल

अगर पुराने नतीजो के हिसाब से देखा जाए तो पिछले 16 साल से खींवसर सीट पर बेनीवाल परिवार का कब्जा रहा है। ऐसे में हो सकता है की एक बार फिर से बेनिवाल अपने परिवार में से ही किसी को टिकट दे। लेकिन अगर बेनिवाल के सार्वजनिक मंच पर कही गई बात पर ध्यान दे तो हो सकता है वो कोई नए चहरे को मौहरा बना सकते है, क्योंकि बेनिवाल का मानना है कि उनके परिवार की बजाए कोई दूसरा व्यक्ति चुनाव लड़े।

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Mukesh Kumar

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