जयपुर। Rajasthan News : राजस्थान में एक और जहां विकास नए आयाम ले रहा है वहीं, दूसरी और राज्य में गरीबी-अमीरी की खाई भी और अधिक गहरी होती जा रही है। इसका खुलासा HCES के सर्वे में किया गया है। इस सर्वे में भारत के 11 राज्यों की रिपोर्ट जारी की गई है जिनमें गरीबी-अमीरी का फर्क बढ़ा है। राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो नगालैंड, मेघालय में सबसे ज्यादा गरीबी-अमीरी का फर्क देखने को मिला है।
भारत में 11 राज्यों के ग्रामीण इलाकों में खपत के मामले में फर्क गहरा गया है। इनमें राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम शामिल है। देश के इन राज्यों में गरीबी-अमीरी का फर्क सबसे अधिक बढ़ा है जो चिंताजनक भी है।
HCES यानि घरेलू खपत सर्वे के अनुसार 2011-12 से 2022-23 के बीच देश के 11 राज्यों में गिनी इंडेक्स में बढ़ोतरी हुई है। ये इंडेक्स आय वितरण और खर्च के बीच समानता को दर्शाता है। इसके शून्य होने का मतलब 100% समानता का संकेत है। यह जितना बढ़ता है, असमानता उतनी ही अधिक होती है। पूर्वोत्तर भारत के नगालैंड राज्य में यह इंडेक्स सर्वाधिक (0.192 से 0.244) बढ़ा है। इस मामले में मेघालय, झारखंड, महाराष्ट्र भी टॉप 5 में शामिल हैं।
गिनी इंडेक्स 2011—12
नगालैंड — 0.192
मेघालय — 0.190
झारखंड — 0.206
महाराष्ट्र — 0.253
राजस्थान — 0.248
छत्तीसगढ़ — 0.234
गिनी इंडेक्स 2022—23
नगालैंड — 0.244
मेघालय — 0.223
झारखंड — 0.255
महाराष्ट्र — 0.291
राजस्थान — 0.283
छत्तीसगढ़ — 0.266
(स्रोत— घरेलू खपत-खर्च सर्वे 2024)
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