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Jhunjhunu News : बेटे की मौत के बाद लाश के लिए झगड़ पड़े माता-पिता, फिर जज ने सुनाया ये फैसला

Jhunjhunu News : राजस्थान के झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ कस्बे से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां पति-पत्नी के बीच मनमुटाव के चलते अपने मासूम बेटे की लाश के लिए भी झगड़ पडे़। इसके बाद मामला अदालत पहुंच गया। अदालत में ऐसा मामला शायद ही पहली बार आया था। इसलिए जज ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सुनवाई की और बेटे की लाश को उसके पिता को सौंपे जाने का आदेश दिया। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (एडीजे) कोर्ट चिड़ावा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद डेढ़ घंटे के भीतर फैसला सुना दिया है।

पति-पत्नी के बीच 8 साल से चल रहा था विवाद

(Jhunjhunu News) बता दें कि खेतड़ी के गाडराटा गांव की निवासी रेखा शर्मा की शादी चूरू जिले के राजगढ़ तहसील के किरतान गांव के अशोक शर्मा के साथ हुई थी। शादी के बाद रेखा और अशोक शर्मा के दो बेटे हुए। हालांकि, लगभग आठ साल पहले दांपत्य जीवन में विवाद शुरू हो गया और दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे। इसके बाद रेखा शर्मा अपने दोनों बेटों के साथ अपने मायके में रहने लगीं। विवाद के दौरान 2017 में अशोक शर्मा ने अपने दोनों बेटों को जबरदस्ती ले जाने की कोशिश की, जिससे विवाद और बढ़ गया। इस घटना के बाद अशोक शर्मा ने अपने बेटों की कस्टडी के लिए अदालत में याचिका दायर की। यह मामला वर्तमान में अदालत में विचाराधीन है।

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बेटे का शव लेने के लिए झगड़ा (Jhunjhunu News)

बता दें कि रेखा और अशोक शर्मा का छोटा बेटा हर्षित 10 दिन पहले से बीमार चल रहे है। पहले बच्चे का इलाज सूरजगढ़ में करवाया, जहां रेखा के मामा का घर है। लेकिन जब उसकी तबीयत अधिक बिगड़ी तो डॉक्टरों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया। जयपुर में जेके लोन अस्पताल में बच्चे का पांच दिन तक इलाज चला, लेकिन उसकी मौत हो गई। लेकिन बेटे की मौत के बाद माता-पिता का विवाद खत्म नहीं हुआ, हर्षित की मौत के बाद पिता अशोक शर्मा अपने बेटे के शव को लेने के लिए कोर्ट में पहुंचे। डीजे कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता लोकेश शर्मा द्वारा दायर याचिका पर एडीजे ने महज डेढ़ घंटे में फैसला सुनाया। मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए जज ने विपक्षी अधिवक्ता को सूचना दी और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया कि बच्चे का शव पिता को सौंप दिया जाए। जज ने पुलिस को आदेश दिए कि बच्चे के शव को उसके पिता को सौंपा जाए।

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Mukesh Kumar

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