Jaipur Handmade Paper : काग़ज़….एक ऐसी चीज़ जो अपने अलग अलग किरदारों के लिए जानी जाती है। वो काग़ज़ ही है जिस पर एक शायर अपने दिल के जज़्बात उतारता है। वो काग़ज़ ही है जिसके चंद टुकड़ों के लिए इंसान क्या से क्या बन जाता है। लेकिन बात जब हाथ से बने जयपुर के काग़ज़ (Jaipur Handmade Paper) की हो तो फिर देश विदेश तक फैली इसकी प्रसिद्धि काफी कुछ बयान कर देती है। जयपुर के सांगानेर में काग़ज़ी समुदाय (Kagzi Sanganer) के लोग इसे बड़ी ही मेहनत और शिद्दत से तैयार करते हैं। जयपुर के प्रसिद्ध हैंडमेड पेपर का इस्तेमाल सरकारी दस्तावेजों, मिनिएचर पेंटिंग्स, सुलेख, बहीखाते और पवित्र धार्मिक ग्रंथों की प्रतिलिपियां बनाने में किया जाता है। तो चलिए आज राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी में हम आपको जयपुर के सांगानेर ले चलते हैं जहां पर हाथ से बेहतरीन कागज बनाया जाता है।
यह भी पढ़ें : Sanganeri Print: भजनलाल सरकार का सांगानेरी प्रिंट उद्योग को लेकर बड़ा ऐलान
जयपुर के हैंडमेड पेपर की तीन अहम ख़ूबियां हैं। पहली ये ईको-फ्रेंडली हैं, दूसरी इनकी खूबसूरत डिजाइन और तीसरी इन से इत्र की भीनी भीनी खुशबू आती हैं। जयपुर का हैंडमेड पेपर फैशनेबल, खतरनाक केमिकल्स से मुक्त, आम पेपर से महंगा और उत्तम गुणवत्ता का होता है। यह काग़ज़ (Jaipur Handmade Paper) ख़राब कपड़े, फूलों की पंखुडियों, जूट, ऊन और घास से बनाया जाता है। उत्पादन कम होने से हैंडमेड पेपर की लागत और कीमत ज्यादा होती है। महंगा होने की वज़ह से धीरे धीरे इसका उपयोग कम हो गया है।
जयपुर की हस्तकलाओं और विलुप्त होती विरासत के बारे में और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।
हस्तनिर्मित कागज एवं बोर्ड उद्योग सांगानेर ने बताया है कि कोरोना काल में इस उद्योग (Jaipur Handmade Paper) को काफी नुकसान पहुंचा है। पानी और सरकारी मदद की कमी के कारण भी काग़ज़ी कौम (Kagzi Community Sanganer) इस पुश्तैनी धंधे से मुंह मोड़ रही है। खासकर सलीम कागजी के निधन के बाद से ही कागजी समुदाय की हालत सही नहीं है। बाज़ार में मौजूद सस्ते काग़ज़ और ऑनलाइन चाइनीज उत्पाद इस व्यापार के लिए काफी हानिकारक साबित हो रहे हैं। इन व्यापारियों तक सरकार की विभिन्न MSME योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पा रही है।
यह भी पढ़ें : जयपुर में मूर्तियों का खजाना कहां है, राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने क्षेत्र सांगानेर के इस उद्योग को अब नई पहचान दिलाने में जुटे हैं। इसके लिए कागज उद्योग से जुड़े लोग कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्तनिर्मित कागज संस्थान, सेक्टर 35 प्रतापनगर, सांगानेर में जाकर इस उद्योग की बारीकीयां सीख सकते हैं। राजस्थान सरकार काफी समय से यही कोशिश कर रही है कि पूरी दुनिया में जयपुर की पहचान कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होती औद्योगिक विरासत को एक नया जीवन प्रदान किया जा सके। जयपुर हैंडमेड पेपर उद्योग (Jaipur Handmade Paper) से जुड़े सभी व्यापारी और काग़ज़ी समुदाय के कारोबारी राजस्थान उद्योग मंत्रालय और MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…
blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…
IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…