स्थानीय

जयपुर में कुंदन ज्वेलरी कैसे बनती है, राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी

Jaipur Kundan Kala : दुनिया बनाने वाले ने औरत को बड़ी ही शिद्दत और नज़ाकत से बनाया है। प्राचीन काल से एक औरत की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए सोने-चांदी के आभूषण अहम भूमिका निभाते आये हैं। बात जेवरात की चली है तो जयपुर की कुंदन कला (Jaipur Kundan Kala) इस मामले में काफी मशहूर है। कुंदनकारी में सोने की सिलवटों के दरमियान कांच तथा नगीनों की खूबसूरत जड़ाई की जाती है। तो चलिए हजरात आपको राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी में आज रूबरू करवाते हैं जयपुर की मशहूर कुंदनकारी से जिस आर्ट के दीवाने पूरी दुनिया में है।

यह भी पढ़ें : जयपुर में लाख की चूड़ी कैसे बनती हैं, सुहागन की निशानी Story of Jaipur Lakh Bangles

कुंदन मतलब क्या ? (Kundan kya hota hai)

कुंदन का मतलब होता है (Kundan kya hota hai) पिघले हुए सोने का सबसे शुद्धतम रूप। 16वी शताब्दी में मुगलों से होती हुई गुजरात और राजस्थान के शाही दरबारों में फली फूली यह कला जयपुर में रच बस गई। हिंदी फिल्म जोधा अकबर में आपने ऐश्वर्या राय के गले में कुंदन के गहनों की जलवाकारी तो देखी ही होगी। पूरी दुनिया में जयपुर के कुंदन आभूषण अपना एक अलग ही मुकाम रखते हैं।

जयपुर की हस्तकलाओं और विलुप्त होती विरासत के बारे में और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।

कुंदन ज्वेलरी की कीमत (Jaipur Kundan Jewellery Price 2024)

कुंदन आभूषण बनाने में कई घंटे लग जाते हैं। यह प्रक्रिया अत्यधिक जटिल होती है। प्रत्येक प्रक्रिया में एक विशेष कारीगर होता है। क्योंकि एक छोटी गलती भी यहां बहुत भारी पड़ती है। कुंदन ज्वेलरी (Jaipur Kundan Jewellery) अपने जटिल क्राफ्टवर्क और सोने की सामग्री के कारण महंगी है। एक कुंदन ज्वेलरी की कीमत 50,000 रुपये और उससे अधिक हो सकती है। आजकल ऑनलाइन कुंदन ज्वेलरी काफी बिक रही है।

जयपुर की कुंदन कला पर वक्त की मार

पिछले कुछ समय से कुंदनकारी (Jaipur Kundan Jewellery) को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी ने इन नायाब गहनों की चमक फीकी कर दी है। कोरोना काल में तीन लाख मजदूर बेरोज़गार हो गए। पीढि़यों से कुंदनकारी का काम कर रहे बंगाली मजदूर लॉकडाउन (Jaipur Kundan in Corona Lockdown) के कारण पलायन कर गये। रही सही कसर चाइनीज ज्वेलरी ने पूरी कर दी। अब कोरोना तो जा चुका है, लेकिन कुंदन के कारीगर नहीं रहे। कुंदन कारोबारियों को सरकारी MSME योजनाओं को जानकारी नहीं है। ऐसे में अगर कोई मदद मिले भी तो कैसे मिले।

यह भी पढ़ें : Sanganeri Print: भजनलाल सरकार का सांगानेरी प्रिंट उद्योग को लेकर बड़ा ऐलान

कुंदन कला को मिलेगा सरकार का साथ

राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसे मुश्किल दौर में लगातार प्रयास कर रही है कि पूरी दुनिया में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों को फिर से पुर्नजीवित किया जा सके। जयपुर कुंदनकारी उद्योग से जुड़े सभी व्यापारी MSME विभाग राजस्थान सरकार से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

Morning News India

Share
Published by
Morning News India

Recent Posts

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

2 सप्ताह ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

2 सप्ताह ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

3 सप्ताह ago

जयपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा भिड़े अधिकारियों से

Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…

4 सप्ताह ago

No Shop, No Staff, No Investment: Saumic Craft Business Model Explain

Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…

4 सप्ताह ago

सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान! धरातल पर लागू होगा जनजाति समाज का पेसा एक्ट

PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…

4 सप्ताह ago