Jaipur Lakh Bangles : भारतीय संस्कृति में नारी के जिन सोलह श्रृंगारों का वर्णन है, उनमें एक है कलाई में पहनी जाने वाली सुहागन की निशानी रंग-बिरंगी चूड़ियां। आमतौर पर महिलाएं कांच की चूड़ियां पहनती हैं। लेकिन कुछ ख़ास मौके पर लाख की चूड़ियां भी औरत के हाथ का गहना बनती है। दुल्हन की कलाई पर लाख की चूड़ी बहुत ही शुभ मानी जाती है। लाख का ज़िक्र महाभारत काल में भी मिलता है। तीज-त्योहारों पर महिलाओं की चाहत एवं धार्मिक सामाजिक संस्कृति के चलते गुलाबी नगरी जयपुर में लाख चूड़ी बनाने का उद्योग सदियों से फलता फूलता आया है। तो चलिए जान लेते हैं कि जयपुर में मशहूर लाख की चूड़ी (Jaipur Lakh Bangles) कैसे बनती हैं और इसकी बाजार में क्या कीमत होती हैं।
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जयपुर में मशहूर लाख की चूड़ी बनाई जाती हैं। ये काम कई सालों से फलता फूलता आ रहा है। अनुभवी कारीगरों द्वारा दिन रात की अथक मेहनत के बाद लाख के बैंगल्स तैयार होते हैं। जयपुर के परकोटे में लाख की चूड़ियों (Jaipur Lakh Bangles Market) का मशहूर बाजार भी हैं। जयपुर में लाख के चूड़े भी काफी प्रसिद्ध है। विदेशों में ये Lac Bangles काफी तादाद में Export किये जाते हैं। जयपुर के त्रिपोलिया बाज़ार में “मनिहारों का रास्ता” में चूड़ी बनाने वाला मनिहार समुदाय रहता है जो लाख से बेशकीमती खूबसूरत चूड़ियां बनाता है।
वर्तमान समय में जयपुर का यह पुश्तैनी कारोबार अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है। बाज़ार में सीप और मेटल से बने कड़े और चूड़ियों ने डेरा जमा रखा है। पिंकसिटी के मणिहारी मांग कम होने तथा पूंजी की कमी के कारण यह कारोबार आहिस्ता आहिस्ता बंद करते जा रहे हैं। किसी ज़माने में लाख से चूड़ियां बनाने की कला को जयपुर के शाही राज घराने का संरक्षण प्राप्त था। आज ये चूड़ियां गुलाबी नगरी की शानदार हस्तकला का नमूना मात्र मानी जाती हैं। इन व्यापारियों को सरकारी MSME योजनाओं की सही जानकारी नहीं होना इसका सबसे मुख्य कारण है।
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एक सामान्य लाख की चूड़ी की कीमत 50 से शुरू होकर 10000 तक हो सकती है। जयपुर में नाहरगढ़ रोड़ पर थोक की चूड़ी की दुकानें हैं। जहां पर आपको ये लाख की चूड़ियां काफी किफायती दरों (Jaipur Lakh Bangles Price) पर मिल जाएगी। कोरोना काल में ऑनलाइन मार्केट भी काफी बढ़ गया है। अब अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी आपको जयपुर की लाख की चूड़िया मिल जाएगी।
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राजस्थान की भजनलाल सरकार का निरंतर यही प्रयास है कि जयपुर के सभी ऐतिहासिक कलात्मक कारोबार सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल अपना खोया हुआ गौरव हासिल करे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना बेशकीमती योगदान प्रदान करे। ऐसे सभी व्यापारी, उस्ताद, कारीगर बिना किसी झिझक के राजस्थान सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) के उद्योग मंत्रालय से संपर्क करके विस्तृत जानकारी तथा वांछित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह की औद्योगिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का दायित्व हम सबका है, नहीं तो हमारी आने वाली नस्लें ऐसी अनमोल धरोहर से वंचित रह जाएगी।
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