स्थानीय

खाटूश्याम बाबा की अनसुनी कहानी, आखिर क्या है बर्बरीक से खाटू बाबा बनने का राज

Khatu Shyam Ji Ki Kahani: कलयुग के कृष्ण और हारे का सहारा बाबा श्याम सभी के दिलों को प्यारे हैं। राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू धाम के भक्त अपनी पुकार लेकर आते हैं। उन्ही खाटू नरेश बाबा श्याम का जन्मदिन कार्तिक शुक्ल में एकादशी पर पर मनाया जाता है। इस दिन बाबा श्याम को विशेष प्रकार के फूलों से सजाते हैं। महोत्सव को लेकर प्रशासन व श्री श्याम मंदिर कमेटी भी कई व्यवस्थाएं रखती है। वहीं इस दिन Khatu Shyam Ji के मंदिर में भक्तों का रेला लग जाता है। मेले के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस थाने से सिक्योरिटी गार्ड्स, होमगार्ड्स, आरएसी व पुलिस के जवान श्याम श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को संभालने के लिए लगाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाबा श्याम आखिर बाबा बने कैसे। इसके पीछे भी एक बहुत ही रोचक कथा है।

कौन हैं खाटू श्याम बाबा

खाटू श्याम के लिए कहा जाता है कि असल में वे भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक हैं। इन्हीं की पूजा खाटू श्याम के रूप में होती है। बर्बरीक में बचपन से ही वीर और महान योद्धा के गुण थे। भगवान शिव ने उनसे प्रसन्न होकर तीन अभेद्य बाण प्राप्त ​उन्हें दिए थे। यही कारण है कि इन्हें तीन बाण धारी के नाम से भी जाना जाता है।

ये है मान्यता

खाटू श्याम जी मंदिर के लिए कई खास और अनोखी बातें प्रचलित हैं। माना जाता है कि मंदिर में आने वाले को बाबा श्याम का हर बार एक नया रूप दिखता है। यही नहीं कई लोगों को तो उनके आकार में भी बदलाव दिखता है।

यह भी पढ़ें: Jaipur News : त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम कामां के कामसेन स्टेडियम में संपन्न हुआ

बर्बरीक से खाटू श्याम बनने की कहानी

कहा जाता है महाभारत के युद्ध के दौरान बर्बरीक ने अपनी माता अहिलावती से युद्ध में जाने की इच्छा रखी। मां से अनुमति मिलने पर उन्होंने पूछा, ‘मैं युद्ध में किसका साथ दूं? इस पर मां ने सोचा कौरवों के पास विशाल सेना है गुरु द्रोण, कृपाचार्य, भीष्म पितामह, अंगराज कर्ण उनके साथ हैं। ऐसे में पांडव हार जाएंगे। यही सोच उन्होंने बर्बरीक से कहा ‘जो हार रहा हो, तुम उसी का सहारा बनो।’

बर्बरीक ने अपनी माता को वचन दिया कि वह ऐसा ही करेंगे। युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण अंत पहले जानते थे। तब उन्होंने सोचा कौरवों को हारता देख बर्बरीक कौरवों का साथ देने लगे तो पांडव हार जाएंगे। तब श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धर बर्बरीक से उनका शीश दान मांगा। बर्बरीक ने सोचा कि कोई ब्राह्मण मेरा शीश क्यों मांग सकता है। उन्होंने ब्राह्मण से असली रूप दिखाने को कहा। भगवान श्रीकृष्ण ने ​उन्हें अपने रूप में दर्शन दिए। तब उन्होंने अपनी तलवार से श्रीकृष्ण के चरणों में अपना सिर अर्पण कर दिया।

इस समय श्रीकृष्ण ने उनके शीश को हाथ में उठाकर अमृत से सींचकर अमर कर दिया। उन्होंने श्रीकृष्ण से सम्पूर्ण युद्ध देखने की इच्छा रखी। भगवान ने उनके शीश को युद्ध भूमि के पास सबसे ऊंची पहाड़ी पर रख। जहां से बर्बरीक ने पूरा युद्ध देखा।

ऐसे बने हारे का सहारा

युद्ध समाप्त होने के बाद पांडव विजय का श्रेय खुद लेने लगे। आखिर में श्रीकृष्ण से पूछने पर उन्होंने कहा मैं किसी का पराक्रम नहीं देख सका। हम सभी बर्बरीक के पास चलते हैं। तब बर्बरीक के शीश ने कहा आपका सुदर्शन चक्र सभी ओर नाच रहा था और जगदम्बा लहू पी रही थीं। मुझे इसके अलावा कोई नहीं दिखा। बर्बरीक का उत्तर सुन श्रीकृष्ण ने उन्हें श्याम नाम दे दिया। श्रीकृष्ण ने कहा ‘बर्बरीक धरती पर तुम से बड़ा दानी कोई नहीं और न ही होगा। Khatu Shyam Ji Ki Kahani तब ही बनी जब मां के वचन पर तुम हारे का सहारा बने। तो लोग तुम्हारे दरबार में आकर जो मांगेंगे उन्हें मिलेगा।’ तभी से खाटू श्याम मंदिर का नाम आया।

लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल से जुड़ें।

Ambika Sharma

Recent Posts

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

2 सप्ताह ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

2 सप्ताह ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

3 सप्ताह ago

जयपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा भिड़े अधिकारियों से

Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…

3 सप्ताह ago

No Shop, No Staff, No Investment: Saumic Craft Business Model Explain

Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…

3 सप्ताह ago

सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान! धरातल पर लागू होगा जनजाति समाज का पेसा एक्ट

PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…

3 सप्ताह ago