Kirodi Lal Meena
जयपुर : राजस्थान की राजनीति में बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीना इन दिनों सुर्खियों में हैं। एक बार फिर किरोड़ी लाल (Kirodi Lal Meena) ने राजनीति का पारा हाई कर दिया है। मीणा ने गहलोत राज हुए सबसे बड़ें कथित घोटाले को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद अब कांग्रेस में खलबली मच गई है। कांग्रेस पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा लगातार किराड़ी लाल मीणा को लेकर तीखी बयानबाजी करते रहते है लेकिन अब उन्होनें कांग्रेस को ही मुश्किल में डाल दिया है।
किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सकरकार के एक बड़े कथित घोटाले से पर्दा उठा दिया है। उन्होंने गहलोत राज में हुए कथित 3500 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर फिर से मोर्चा खोल दिया है. इसे लेकर उन्होंने गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से मुलाकात कर 3500 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच की मांग की है और एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है। मीणा का कहना है कि DoIT में इतना भ्रष्टाचार है कि इतना TA/DA तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी नहीं मिलता। किरोड़ी लाल ने DoIT को लेकर मुख्य मुद्दा उठाया। उन्होंने गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह से मैन पावर, राजनेट प्रोजेक्ट, वीडियो कॉल और ई-मित्र मशीन, डिजिटल पेमेंट किट, माइक्रो एटीएम मशीन, ई-साइन, वाइल्ड लाइफ सर्विलांस और ऑप्टिकल केबल प्रोजेक्ट में हुए घोटालों की शिकायत की है। उन्होंने इन मामलों की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की। इस बीच, मंत्री जवाहर सिंह ने किरोड़ी की शिकायत के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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बता दे कि डीओआईटी के मामले को लेकर किरोड़ी लाल मीना (Kirodi Lal Meena) शुरू से ही मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार के मामले पर जमकर निशाना साधा और कहा कि उनके अधिकारियों ने खूब भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने कहा कि विभाग में बिना किसी सरकारी एजेंसी के लोगों की भर्ती की गई। प्रोजेक्ट के तहत अधिकारियों ने इतना टीए/डीए ले लिया है, जितना मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी नहीं मिलता। इसके साथ ही कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत प्रबंधन इकाई का कोई व्यक्ति राजस्थान के किसी भी शहर में जांच के लिए जाता था तो उसे 2 लाख 61 हजार 400 रुपए का भुगतान किया जाता था। इसके अलावा राजस्थान से बाहर जाने के लिए 4 लाख 95 हजार 666 रुपए का भुगतान किया जाता था।
Kirodi Lal Meena ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूर्ववर्ती सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने डीओआईटी में फैले भ्रष्टाचार को लेकर डीओआईटी की परियोजना अधिकारी दीपशिखा सक्सेना, कुलदीप यादव, वित्त अधिकारी कौशल गुप्ता पर गलत दस्तावेजों पर अलग-अलग फर्मों को करोड़ों रुपए के वर्क ऑर्डर जारी करने का आरोप लगाया है.। इसके अलावा संयुक्त निदेशक प्रद्युम्न सिंह और संयुक्त निदेशक रणवीर सिंह पर भी अपनी पत्नी के खाते में रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इस दौरान किरोड़ी ने कहा कि आशुतोष देशपांडे और पूर्व अतिरिक्त निदेशक आरसी शर्मा ने भी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया था। किरोड़ी लाल मीणा ने आरपीएससी के 3 पूर्व चेयरमैन पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
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