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CM Bhajanlal Sharma on Kirodi lal Meena : जयपुर। राजस्थान सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके किरोड़ी लाल मीणा बड़े-बड़े घोटालों का खुलासों के लिए चर्चित रहे हैं। चाहे सरकार कांग्रेस की हो या बीजेपी की, दोनों ही दलों की सरकारों में डॉ.किरोड़ी लाल मीणा ऐसे मुद्दे लेकर जनता के बीच आते हैं। जिससे सरकारें हिल जाती है और कैबिनेट की हाईलेवल बैठके होती है। बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा 4 महीने पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके है, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पार्टी हाईकमान उनके इस्तीफे पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि भजनलाल सरकार को डर है कि इस्तीफा स्वीकार कर लिया तो उपचुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते है कि क्या है पूरा माजरा?
लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि दौसा लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कन्हैयालाल मीणा को कांग्रेस उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा से करारी शिकस्त मिली थी, चुनाव से पहले डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने ऐलान किया था। अगर इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार हारता है तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। चुनाव के बाद किरोड़ी ने सरकारी बंगले और गाड़ी का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया।
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बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो सरकार के लिए सिरदर्द बन जाते हैं। वर्तमान में भाजपा की सरकार है, लेकिन किरोड़ी ने ऐसे मुद्दे उठा रखे हैं। जिसके बारे में सरकार जवाब तक नहीं दे पा रही है, बीजेपी को सत्ता में आने से पहले डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने पेपर लीक का मुद्दा उठाया था। राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्होंने सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 को रद्द करने की मांग उठाई है और अपनी ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद किरोड़ी की मांग नहीं मानी जा रही है। हालांकि किरोड़ी लाल मीणा SI भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा से भी मिल चुके हैं। बीते दिनों में उन्होंने आरपीएससी के तीन पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ सबूत पेश करते हुए RPSC की भर्तियों में हुई गड़बड़यों का खुलासा किया था। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार के जांच की मांग की लेकिन सरकार निर्णय नहीं ले पा रही है, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में डीओआईटी में हुए घोटालों का खुलासा करने के बाद डॉ. मीणा ने जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, मगर सरकार मौन धारण करके बैठी है।
इसी साल राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें खींवसर, झुंझुनूं, दौसा, देवली उनियारा, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ शामिल है…..ये सभी सीटें 7 अलग-अलग जिलों में हैं। इन सीटों में दौसा, टोंक, डूंगरपुर, अलवर और उदयपुर में किरोड़ी लाल मीणा का प्रभाव है। किरोड़ी की नाराजगी से बीजेपी को नुकसान होना लगभग तय है। इसी वजह से बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश की सरकार के मुखिया डॉ. मीणा के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं।
अगर उपचुनाव में बीजेपी को उम्मीदों के मुताबिक सीटें नहीं मिलती है तो सीएम भजनलाल शर्मा की कुर्सी पर संकट आ सकता है। क्योंकि भजनलाल शर्मा को सीएम बनाने के बाद बीजेपी को लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ है, अगर आगामी उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदों के मुताबिक सीटें नहीं ला पाती है तो सीएम भजनलाल की कुर्सी जा सकती है।
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