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Madan Rathore
Madan Rathore took U-turn on his statement : राजस्थान में गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों को लेकर सियासत में घमासान मचा हुआ है। अब ताजा विवाद मदन राठौड़ (Madan Rathore) के जिले रद्द करने वाले बयान से यू-टर्न लेने के बाद छिड़ा हुआ है। इस बयान का ऑडियो सामने आने के बाद मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने पत्रिका से बातचीत करते हुए कहा है कि हमारा काम संगठन का काम है, हम जिले बनाने और ना बनाने के काम में शामिल नहीं है। राजस्थान में पूर्ववर्तीय गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) के जिले रद्द करने वाले बयान से यू-टर्न लेने के बाद घमासान मचा हुआ है। इस बयान के बाद मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि हमारा काम संगठन का काम है, हमारा काम जिले बनाने और ना बनाने के काम में शामिल नहीं है।
बता दें कि बीते रविवार को उदयपुर दौर के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भीलवाड़ा में रूके थे। बीजेपी सांसद दामोदर अग्रवाल के आवास पर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने कई जिले गलत बना दिए थे, जो सिर्फ तुष्टीकरण करने के लिए बनाए गए हैं। हम इन्हें हटाएंगे। प्रदेश में कुछ जिले केवल जनप्रतिनिधियों को खुश करने के लिए बनाए गए हैं, और इसी कारण 6-7 जिलों को समाप्त किया जाएगा। इस बयान के बाद सांचौर और केकड़ी में विरोध की लहर उठने लगी है। सांचौर में स्थिति और भी गरम हो गई है, क्योंकि पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है।
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हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) एक कथित ऑडियो कॉल वायरल हुआ है जिसमें वो एक कार्यकर्ता से जिले रद्द करने को लेकर बातचीत करते सुनाई दे रहे हैं। इस ऑडियो में मदन राठौड़ ने कहा, “जब प्रेस वालों ने पूछा तो मैंने ऐसे ही बोल दिया, लेकिन जिलों को रद्द करना इतना आसान काम नहीं है। अब वो बात आई-गई हो गई है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) के हालिया बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने इस मुद्दे पर चेतावनी देते हुए कहा था कि सांचौर जिला रहेगा और सांचौर जिले को समाप्त करने का कोई प्रयास सफल नहीं होगा। सुखराम विश्नोई ने कहा, “मैं मदन राठौड़ से निवेदन करना चाहता हूं कि सांचौर जिला, जो पुराने जालोर जिले से 150 किमी की दूरी पर स्थित है, को लेकर उनके बयान का कोई आधार नहीं है। सांचौर जिले के गांवों की जालोर से दूरी 220-230 किमी है, और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, सांचौर जिले की महत्ता और उसकी जरुरत को समझा जाना चाहिए।”
बता दें कि भजनलाल सरकार ने 17 नए जिलों के पुनरावलोकन के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया था। इस उप-समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी ललित के. पंवार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति भी बनाई गई थी। समिति ने 30 अगस्त को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पंवार समिति ने कई छोटे जिलों को जिलों के मानदंडों के हिसाब से उपयुक्त नहीं माना है। इन जिलों की समीक्षा करते हुए समिति ने सुझाव दिया है कि इन्हें पुनर्विचार की आवश्यकता है।
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