Maharana Pratap ka Bhala : मंज़ूर घास की रोटी है, घर चाहे नदी पहाड़ रहे, अंतिम साँस तक चाहूँगा, स्वाधीन मेरा मेवाड़ रहे…..महाराणा प्रताप, हिंदुस्तान के इतिहास का एक ऐसा नाम जिसे सुनकर रक्त में उबाल आने लगता है। जिसके शौर्य की अमर गाथाएं सुनकर लोगों में जोश आ जाता है। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 (Maharana Pratap Jayanti 2024) को हुआ था। महाराणा प्रताप का नाम आते ही उनके अहम हथियार भाले का जिक्र भी जरूर होता है। इस पोस्ट में आपको महाराणा प्रताप के भाले के बारे में रोचक तथ्य (Maharana Pratap ka Bhala) मिलेंगे। जिन्हें आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। वाकई में इतने वजनी कवच और भाले से महाराणा प्रताप ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे।
यह भी पढ़ें : मेवाड़ री बोली में चकाचक शायरी, भीलवाड़ा चित्तौड़ राजसमंद उदयपुर वाले शेयर करें
महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन (Maharana Pratap ka Bhala) का था और उनके अभेद्ध कवच का वजन 72 किलो था। प्रताप की दो मशहूर तलवारों का वजन 208 किलो था। कहा जाता है कि उनकी तलवार के एक ही वार से घोड़े के दो टुकड़े हो जाते थे। ये तमाम साजो सामान आज भी उदयपुर के सिटी पैलेस में सुरक्षित रखे हैं। यानी महाराणा जंग में लगभग 300 किलो वजन के साथ दुश्मन पर टूट पड़ते थे। उनका घोड़ा चेतक भी उनकी तरह की वीर बहादुर था। जिसकी एक छलांग में ही कई फुट की दूरी पलक झपकते ही तय हो जाती थी।
Maharana Pratap Jayanti 2024 से संबंधित और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।
महाराणा प्रताप का बचपन का नाम कीका था। राणा जी के 24 भाई व 20 बहनें थी। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी। यह बात अचंभित करने वाली है कि इतना भारी भरकम वजन लेकर महाराणा प्रताप रणभूमि में लड़ते थे। महाराणा प्रताप ने युद्ध के मैदान में मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे। ऐसे वीर शिरोमणि को सादर नमन।
यह भी पढ़ें : महाराणा प्रताप की वीरता के दोहे, जिन्हें सुनकर खून में उबाल आ जाएगा
हिन्दू पंचांग के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया (इस साल 9 जून 2024) को हुआ था। इसलिए हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया (Maharana Pratap Jayanti Date) को पूरे देश में महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है। वहीं अंग्रजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। यहीं कारण है कि महाराणा प्रताप की जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। ऐसे वीर महापुरुष को सादर नमन है।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…